गायनेकोलॉजिस्ट हमेशा अपने बच्चों को शिशुओं को ब्रेस्टफीड कराने की सलाह देते हैं। दरअसल, एक साल तक बच्चे के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम है। इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं के लिए भी कई लिहाज से फायदेमंद होता है। अब एक नयी स्टडी में ब्रेस्टफीडिंग के एक नये फायदे के बारे में बताया गया है। इस स्टडी के अनुसार, बच्चे को दूध पिलाने से ब्रेस्टफीडिंग मदर को पोस्टपार्टम डायबिटीज़ का ख़तरा कम होता है। साउथ कोरियन रिसर्चर्स ने इस स्टडी के दौरान पाया कि, लैक्टेशन से इंसुलिन सीक्रेशन करने वाली पैनिक्रिएटिक बीटा सेल्स और सेरोटोनिन के उत्पादन में मदद करता है।
दरअसल, सेरोटोनिन एक एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करता है। इससे, महिलाओं में बीटा सेल्स की सेहत में सुधार होता है। यह केमिकल ग्लूकोज़ लेवल को मेंटेन करने में मदद करता है। इस तरह, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के लिए पोस्टपार्टम डायबिटीज़ का रिस्क कम होता है। इस स्टडी में एक अच्छी बात यह भी बतायी गयी कि, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को 3-4 सालों तक इसका फायदा मिलता रहता है। फिर, भले ही कुछ समय बाद वह धीरे-धीरे बच्चे को दूध पिलाना कम ना कर दें। इसीलिए, अब रिसर्चर्स प्रयास कर रहे हैं कि, महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग की मदद से डायबिटीज़ जैसे मेटाबॉलिक डिसॉर्डर्स से बचाया जा सके।
पोस्टपार्टम डायबिटीज़ के कारण:
-
- जेस्टेशनल डायबिटीज़
- प्रेगनेंसी के समय महिला की अधिक उम्र
- जेस्टेशन डायबिटीज़
- प्रेगनेंसी के दौरान वेट गेन और इंसुलिन रेज़िस्टेंस
क्या हैं पोस्टपार्टम डायबिटीज़ के नुकसान
पोस्टपार्टम डायबिटीज़ से ब्लड वेसल्स को नुकसान हो सकता है। जिससे, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों जैसे कि, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के अन्य फायदे
कम होता है ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा : जो महिलाएं बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हैं, उनमें, ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का ख़तरा कम होता है। इसके अलावा भी महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग की वजह से कई अन्य बीमारियों से भी फायदा होता है।
हायपरटेंशन से सुरक्षा : अमेरिकन जर्नल ऑफ हायपरटेंशन में छपी एक स्टडी में बताया गया कि ऐसी महिलाएं जो कई बच्चों को दूध पिलाती हैं और ज़्यादा समय तक ब्रेस्टफीड कराती हैं। उन्हें, मेनोपॉज़ के आसपास हायपरटेंशन का ख़तरा कम रहता है।
डिप्रेशन से बचाव : लगभह 15 फीसदी न्यू मदर्स को बच्चे के जन्म के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन महसूस होता है। लेकिन, अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं। तो, आपको डिप्रेशन होने की संभावना कम होती है।