शारीरिक संबंध बनाने के फायदों के बारे में आप कई बार पढ़ और सुन चुके होंगे। ये एक तरह का अच्छा वर्कआउट है। इससे आपका मूड अच्छा रहता है। साथ ही आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इंटिमेट रिलेशनशिप के जरिये आप अपने पार्टनर के साथ अपना रिश्ता बेहतर कर पाते हैं। कई मौकों पर ये पेन रिलीवर का काम करता है। एक स्टडी के मुताबिक रेग्युलर सेक्स बूढ़े होने से रोकता है और ये जवां दिखने में मदद करता है। वहीं एक नई स्टडी के मुताबिक रोजाना शारीरिक संबंध बनाने का लोगों, खासतौर से महिलाओं की मेमोरी से कनेक्शन है।
क्या कहती है स्टडी
महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने से सबसे बड़ा लाभ होता है। ऐसा एक रिसर्च के मुताबिक कहा जा रहा है। सामने आयी स्टडी के मुताबिक रोजाना सेक्स का संबंध अच्छी मेमोरी से है। रिसर्च की मदद से ये बात पता चली कि जो महिलाएं ज्यादा शारीरिक संबंध बनाती हैं उनकी याद्दाश्त दूसरी महिलाओं की तुलना में बेहतर होती है। वो महिलाएं जो नियमित रूप से सेक्शुअल इंटरकोर्स में शामिल होती हैं उनकी चीजों और शब्दों को याद रखने की क्षमता और बेहतर होती है।
कनाडा में हुई ये स्टडी
ये रिसर्च कनाडा के मॉन्ट्रियल स्थित मैकगिल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने करायी। इस स्टडी के नतीजे बताते हैं कि पीवीआई यानी पीनाइल-वजाइनल इंटरकोर्स का स्वस्थ और युवा महिलाओं के मेमोरी फंक्शन यानी याद्दाश्त पर सकारात्मक असर पड़ता है और उनकी याद रखने की क्षमता बेहतर होती है।
78 महिलाओं पर किया गया शोध
इस स्टडी में 78 हेट्रोसेक्शुअल महिलाओं को शामिल किया गया। 18 से 29 साल की महिलाओं को एक कम्प्यूटराइज्ड मेमरी पैराडिग्म को पूरा करने के लिए कहा गया जिसमें कुछ काल्पनिक शब्द और चेहरे थे। आर्काइव्स ऑफ सेक्शुअल बिहेवियर नाम के जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के नतीजे से पता चलता है कि नियमित रूप से शारीरिक संबंध बनाने पर काल्पनिक शब्दों को याद रखने पर पॉजिटिव रिजल्ट मिलते हैं लेकिन चेहरों को याद रखने के मामले में ऐसा नहीं है।
डायरेक्ट लिंक के बारे में नहीं चल पाया पता
आर्काइव्स ऑफ सेक्शुअल बिहेवियर में यह नतीजे छपने के बाद शोधकर्ताओं ने इस बात पर विचार किया कि ये नतीजे कैसे आए। ऐसा माना गया कि शारीरिक संबंध बनाने से हिप्पोकैंपस के चारों तरफ टिश्यूज की ग्रोथ बढ़ती है। हिप्पोकैंपस दिमाग का वो भाग है जिसका संबंध मेमरी फंक्शन से है। फ़िलहाल यह बात साफ नहीं हो सकी कि अगर सेक्स और हिप्पोकैंपस का सीधे सीधे कोई रिश्ता है तो रिसर्च में हिस्सा लेने वाले लोग सिर्फ शब्द ही क्यों याद रख पाए, वो चेहरे याद रखने में सफल क्यों नहीं हुए। इसकी वजह यह भी है कि हिप्पोकैंपस हर तरह की याद्दाश्त के लिए जिम्मेदार नहीं होता है।