नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 25 वर्षीय एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर अनुराग ने बीती रात एक छात्रावास की दसवीं मंजिल से छलांग लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई।  डा. अनुराग एम्स के मनोरोग विभाग में तैनात था। वह एम्स में हॉस्टल नंबर-18 में तीसरी मंजिल पर रहता था। डिप्रेशन के कारण अनुराग की कई बार हालत खराब हो जाती थी। इस कारण उसकी मां साथ रहती थी। डा. अनुराग बीती रात अपने हॉस्टल की दसवीं मंजिल पर गया और लिफ्ट के पास अपना मोबाइल रखकर खिड़की से छलांग लगा दी। अनुराग को आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। जहां करीब एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई।  पुलिस ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि मृतक की पहचान अनुराग के रूप में की गई है और वह मनोविज्ञान विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर था।  एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अनुराग डॉक्टर छात्रावास में रहता था और कथित तौर पर वह छात्रावास की दसवीं मंजिल से कूद गया। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा, ‘उसे एम्स कैजुअल्टी ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ‘ सूत्रों के अनुसार पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर अनुराग काफी समय से डिप्रेशन से पीड़ित था। इस कारण डॉक्टर की मां हॉस्टल में उनके साथ रहती थी। पुलिस ने डॉक्टर अनुराग के मोबाइल को जब्त कर लिया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि डॉक्टर अनुराग ने खुदकुशी करने से पहले किसी को कोई मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज तो नहीं भेजा था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट में लिखा- ‘एम्स दिल्ली में जूनियर रेजिडेंट, युवा और सबसे प्रतिभाशाली डॉ. अनुराग कुमार की दर्दनाक मौत के बारे में सुनकार हैरान और व्यथित हूं।  वह पिछले कुछ समय से गंभीर अवसाद का इलाज करा रहा था और उन्होंने खुद की जान ने ली।  उनके परिवार और उनके सहयोगियों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। ‘

बता दें कि पिछले सप्ताह एम्स में ही कोरोना संक्रमित एक 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया ने एम्स की चौथी मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी। सिसोदिया की मौत को लेकर एम्स प्रशासन पर सवाल उठे थे, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था।  शुक्रवार को इस समिति ने अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप दी थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, ‘समिति को सिसोदिया की मौत के संबंध में किसी गलत नीयत का पता नहीं चला है। समिति को कोविड-19 के इलाज के प्रोटोकॉल में किसी प्रकार की खामी भी नहीं मिली है। ’

एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर एम्स और जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर में प्रशासकीय बदलाव की सलाह देने का निर्देश दिया गया है।  समिति को 27 जुलाई को इस संबंध में सिफारिशों की रिपोर्ट मुझे सौंपनी होगी।’ हालांकि इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक को बदलने का आदेश दे दिया है।