प्रयागराज (उप्र)। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के बावजूद कोरोना का संक्रमण थम नहीं रहा है। अब गली-मोहल्लों में कोरोना की जांच के लिए मोबाइल वैन जा रही है। फिर भी लोग अपनी जांच कराने से बचते हैं। जिनको बुखार भी हो रहा है, वह भी जांच करवाने से कतराते हैं। वह बुखार की दवा खाकर घर पर ही आराम करते हैं और गंभीर होने पर जांच करवाते हैं। इससे जान जोखिम में पड़ सकती है। ऐसे में अब जिला प्रशासन ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिया है कि वह खांसी, बुखार, जुकाम में काम आने वाली नौ दवाओं को डाक्टर के पर्चे पर ही दें। साथ ही मरीज का मोबाइल नंबर सहित विवरण भी दर्ज करें। सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश कुमार मिश्र ने कहा कि इस आदेश का पालन न करने वाले दवा के फुटकर विके्रताओं के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। पैरासिटामॉल, डेरीफाइलीन, कफ संबंधी सीरप, एजिथ्रोमाइसीन, डॉक्सी, विटामिन-सी, विटामिन डी, जिंक और हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन दवा बिना डॉक्टर के पर्चे पर नहीं मिलेगी। डाक्टर का पर्चा होने पर भी मेडिकल स्टोर को मरीज का पूरा विवरण मोबाइल सहित लिखना होगा। सिटी मजिस्ट्रेट ने दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि कोई भी यह दवाइयां खरीदता है तो मोबाइल नंबर समेत उसका विवरण ले लें। प्रतिदिन इसकी एक प्रति अपने क्षेत्र के प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को भेेजें व एक प्रति औषधि निरीक्षक को भी उपलब्ध कराएं। ऐसा न करने पर संबंधित के खिलाफ एपिडेमिक डिसीज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।