मुंबई। कोरोना के इलाज के लिए अभी वैक्सीन बनी नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ दवाओं और इंजेक्शन को आपात स्थितियों में डॉक्टरों की सिफारिश पर इस्तेमाल की इजाजत दी है। टोसिलिजुमैब इंजेक्शन इनमें से एक है। अब कोरोना संक्रमण से बचाव में असरदार माने जा रहे इंजेक्शन टोसिलिजुमैब की ब्लैक-मार्केटिंग और इसे नकली बनाकर बेचने के मामले भी सामने आने लगे है। डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि इस मामले में दिल्ली से अजय नाशा नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। उसका दिल्ली के गोविंदपुरी क्षेत्र में मेडिकल स्टोर था।
अजय नाशा का नाम दरअसल, आजम नसीर खान नामक आरोपी से पूछताछ में सामने आया था, जिसे बांद्रा क्राइम ब्रांच ने अगस्त माह में गिरफ्तार किया था। सीनियर इंस्पेक्टर महेश देसाई, संजीव गावडे और सुधीर जाधव की टीम ने उसके पास से 15 इंजेक्शन भी जब्त किए थे। इस केस के जांच अधिकारी नंदकुमार गोपाले ने बताया कि Tocilzumab इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में बनते हैं। भारत में इसे सिप्ला दवा कंपनी के जरिए बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि अगस्त में जब्त इंजेक्शन को जब हमने सिप्ला कंपनी के पास चेकिंग के लिए भेजा, तो वहां से इसके सैंपल्स स्विट्जरलैंड भेजे गए। वहां से अब जवाब आया है कि मुंबई में जब्त किए गए और Tocilzumab नाम से बेचे गए इंजेक्शन नकली हैं।