मुंगेर । सदर अस्पताल इलाज कराने पहुंचे गरीब मरीजों को दवा से अधिक दुआ पर भरोसा है। ऐसा होना स्वभाविक भी है। क्योंकि, मरीज को बीमारी से निजात पाने के लिए दवा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, सदर अस्पताल में जरूरी दवा का अभाव है। गौरतलब है कि आनडोम इजेक्शन व टबलेट, डेरीफाइलिन, अमीट्राटाइलिन, कैल्सियम, कफ सीरप, डाक्सीलिन, गेमाबेनजेन, सील्बर क्रीम, जायलोमेटाजोलिन, चेलोरोक्वीन, बीटामीन बी कोम्पेलेक्स, डायक्लो सहित कई जरूरी दवाओं की कमी है। इन्ही दवाओं की डॉक्टर मरीजों को पर्ची पर दवा लिख देते हैं। जब मरीज पर्ची लेकर दवा काउंटर पर पहुंचते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि कुछ दवाईयां यहां नहीं है। मरीज को दवा काउंटर पर कुछ दवाईयां मिल जाती है। शेष दवाओं के लिए निजी दवा दुकान पर जाना पड़ता है। वहीं, गरीब और लाचार मरीज निजी दवा दुकान से दवा नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे मरीज दुआ के भरोसे ठीक होने का इंतजार करते हैं। बीते कई माह से सदर अस्पताल में जरूरी दवाओं की कमी है। आउटडोर में 40 में 31 प्रकार की दवा उपलब्ध है। वहीं इंडोर में 92 में 60 और इमरजेंसी वार्ड में 26 में 19 प्रकार की दवा ही उपलब्ध है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक – डॉ. निरंजन सिंह के मुताबिक सदर अस्पताल में दवा कुछ कमी हो गई। दवा की सूचि स्वास्थ्य विभाग को भेजी जा रही है। सरकार दवा की आपूर्ति के लिए बीएमसीएल कंपनी को राशि का भुगतान कर चुकी है। शीघ्र ही दवा की कमी दूर होगी।