पानीपत। करनाल में नशीली गोलियों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है, जिसके तार राजस्थान के सीकर से जुड़े हैं। एंटी नारकोटिक सैल ने तीन आरोपितों को काबू किया है, जिनसे 74700 गोलियां भी बरामद की गई हैं। दो आरोपित करीब 58 साल की उम्र के हैं, जो लंबे समय से इस धंधे में लिप्त बताए जा रहे हैं। तो वहीं एंटी नारकोटिक सैल के इंचार्ज मोहन लाल के मुताबिक आरोपित साहिल नशीली प्रतिबंधित दवाइयां पहले काला आम्ब से लाता था और अब वह यह खेप राजस्थान के सीकर ले लेकर आया। अब एक टीम सीकर पहुंचेगी, ताकि मुख्य आरोपित को भी काबू किया जा सके। इसके लिए आरोपित साहिल व अश्वनी को रिमांड पर लिया गया है।
दरअसल एंटी नारकोटिक सैल के इंचार्ज मोहन लाल को 20 नवंबर को गुक्रत सूचना मिली थी कि करनाल के गांव सौंकडा वासी गुरविंद्र पिछले कुछ समय से नशे के कैप्सूल व गोलियां बेचने का अवैध कारोबार करता है। उसके पास काफी मालाा में नशे की गोलियां व कैप्सूल हैं। सूचना के आधार पर उप निरीक्षक सुभाष व राजेंद्र सिह की अध्यक्षता में टीम बनाई गई, जिसने आरोपित गुरविंद्र को सौंकड़ा में गैस एजेंसी के नजदीक गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से नशे के ट्रामाडोल लिखे 900 कैप्सूल व अल्प्राजोलम लिखीं 600 गोलियां बरामद की गईं। आरोपित को तीन दिन के रिमांड पर लिया तो उसने अश्वनी कुमार वासी मीट कालोनी से नशे की गोलियां खरीदने की बात का रहस्योद्वाटन किया।
दबिश देकर आरोपित को रविवार को शिव कालोनी रोड हांसी चौक से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह साहिल कुंद्रा वासी न्यू शिवाजी कालोनी से नशे की गोलियां व कैप्सूल के डब्बे लेकर आगे सप्लाई करता है। इस पर वह 100 रुपये प्रति डब्बा कमीशन लेता है। टीम ने आरोपित साहिल को भी इसी दिन उसके घर से गिरफ्तार किया तो उसके कब्जे से 39,600 ट्रामाडोल कैप्सूल व 33,600 अल्प्राजोलम की गोलियां बरामद की गईं।
दरअसल नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में लगे आरोपितों से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरोपितों ने माना कि वे करनाल ही नहीं पंजाब तक भी सप्लाई करते हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के बाद अब दूसरे नशीले पदार्थो की आपूर्ति कम होने लगी तो नशे के आदी लोगों का रुख इन दवाओं की ओर हो गया है, जिसका फायदा इस कारोबार में लगे लोग उठा रहे हैं। आरोपितों ने माना कि वे मनमाने दाम वसूलते हैं। दस रुपये की गोली को लोग 70 से 100 रुपये तक खरीदने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे में उनका कहना है कि पकड़ी गई 74700 गोली व कैप्सूल की कीमत करीब 40 लाख रुपये से भी अधिक हो सकती है।
तो वहीं इंस्पेक्टर मोहन लाल का कहना है कि काबू किया गया आरोपित करीब 58 वर्षीय गुरविंद्र करीब 20 साल से इस अवैध कारोबार में लगा है जबकि करीब 55 वर्षीय अश्वनी भी पिछले कई साल से इसमें लिक्रत है। करीब 30 वर्षीय आरोपित साहिल शहर में करीब पांच साल से मेडिकल स्टोर किसी अन्य के नाम पर चला रहा है जबकि वह खुद दसवीं तक पढ़ा-लिखा है। फिलहाल पूरे मामले की जानकारी के लिए आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।