बिलासपुर। ड्रग विभाग ने नशीली दवाओं पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाई है। अब मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस लेने या नवीनीकरण कराते समय संचालक को शपथ पत्र देना होगा। इसमें उन्हें नशीली दवा की बिक्री नहीं करने की बात लिखकर देनी होगी। इसके बाद यदि नशीली दवा बेचते हुए पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल ड्रग नियंत्रक – रवि गेंदले ने बताया कि नशीली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए मेडिकल दुकान का लाइसेंस लेने व नवीनीकरण कराने के समय शपथ पत्र लिया जाएगा।

इसमें नशीली दवा नहीं बेचने की बात लिखकर देनी होगी। इसके बाद भी नशीली दवा बेचते पकड़े गए तो सीधी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि ड्रग विभाग को लगातार शिकायत मिल रही है कि कई मेडिकल स्टोर से नशीली दवाएं बेची जा रही हैं। वे विभाग को चकमा देने के लिए नशीली दवा का कारोबार करने वालों से दवा लेकर नशेड़ियों को महंगे दाम में बेचते हैं। कोई रिकॉर्ड नहीं होने से पकड़ में आने से बच जाते हैं। अब ड्रग विभाग ने इस पर लगाम लगाने का निर्णय लिया है। किसी नए मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस के आवेदन के साथ शपथ पत्र भी देना होगा। उसमे उल्लेख करना होगा कि कभी भी नशीला दवा की बिक्री नहीं करूंगा।

यदि अनुचित तरीके से बिक्री करते हुए पाया गया तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा डाक्टर की पर्ची पर बेची गई नशीली दवाओं का हिसाब देना होगा। शिकायत के आधार पर ड्रग विभाग के अधिकारियों की टीम मेडिकल स्टोर पहुंच कर रेंडम जांच कर रही है। हालांकि अभी तक गलत तरीके से नशीली दवा बेचने व अवैध स्टाक पकड़ाने का मामला सामने नहीं आया है। जिले में 1200 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। लेकिन शहर के कुछ खास क्षेत्रों में संचालित होने वाली दवा दुकानों की ज्यादा शिकायत मिली हैं। इसमें से ज्यादातर शहर के स्लम एरिया में चल रहे हैं।