शिमला। हिमाचल प्रदेश में बन रहे माउंटेन मेडिसिन इंस्टीट्यूट से राज्य सरकार और स्थानीय लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि जिस स्थान पर इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा, वहां पर रोजगार के रास्ते खुलेंगे। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार और सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के बीच एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, श्री आर.एन. बत्ता (अतिरिक्त मुख्य सचिव), श्री अमिताभ अवस्थी (स्वास्थ्य सचिव), डॉ. प्रदीप भारद्वाज (सीईओ, सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर), मेजर जनरल अतुल कौशिक (सिक्स सिग्मा बोर्ड सदस्य), डॉ. अनीता भारद्वाज (चिकित्सा निदेशक, सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर) और डॉ. आर.सी. शर्मा (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ऑफ हिमाचल प्रदेश) की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

बतादें कि प्रदेश सरकार के उच्चधिकारियों संग बैठक में संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव सिक्स सिग्मा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रदीप भारद्वाज, सिक्स सिग्मा के बोर्ड मेंबर मेजर जनरल अतुल कौशिक और सौविक चंद्र दत्ता ने प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर कहा कि सरकार शिमला और सिरमौर जिले में संस्थान के लिए जमीन खरीदने में सहायता करेंगे। उन्होंने कैलाश मणिमहेश यात्रा में स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों और तीर्थयात्रा में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर डॉ. प्रदीप भारद्वाज, प्रोफेसर आर.सी. शर्मा, मेजर जनरल अतुल कौशिक, डॉ. अनीता भारद्वाज ने राज्य के मुख्यमंत्री का सम्मान किया और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं।

सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि चूड़धार, सिरमौर क्षेत्र में बनने वाले माउंटेन मेडिसिन इंस्टीट्यूट पर 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। संस्थान के शुरू होने के बाद 727 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य हाई एल्टीट्यूड पर्वतों से संबंधित एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और योग में सभी प्रकार के अनुसंधानों को विकसित करना और पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध औषधियों की पहचान करके पेशेवरों को शिक्षित करना है। माउंटेन मेडिसिन इंस्टीट्यूट में सशस्त्र बलों और पैरा सैन्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा और पहाड़ की दवाओं और हाई एल्टीट्यूड क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के रेस्क्यू पाठ्यक्रमों को भी चलाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त संस्थान में स्थानीय लोगों, स्कूलों, कॉलेजों के छात्रों को ऊंचाई पर बचाव और आपदा में प्रशिक्षित करेगा। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि संस्थान दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जाने वाले स्थानीय लोगों को रोकने में मदद करेगा और उनके लिए रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध कराएगा। संस्थान राज्य और केंद्र सरकार को प्रमुख मुद्दों पर परामर्श के साथ-साथ उचित मार्गदर्शन भी करेगा और पहाड़ों में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने में मदद करेगा। डॉ. भारद्वाज ने दावा किया कि उक्त संस्थान एशिया में अपनी तरह का सबसे अच्छा होगा और यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आवश्यक उच्च ऊंचाई वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा।

प्रस्तावित संस्थान उच्च ऊंचाई वाले संचार (एचएएम) को स्थापित करने में भी मदद करेगा और बेहतर खाद्य उत्पाद और पेय पदार्थ विकसित करने का प्रयास करेगा।विदित हो सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर एक सुपर स्पेशलाइज्ड हाई एल्टीट्यूड माउंटेन मेडिसिन टीम है, जिसे भारत के सशस्त्र बलों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है और 2009 से सिक्स सिग्मा अमरनाथ, कैलाश मानसरोवर, केदारनाथ, मणिमहेश और उत्तराखंड बाढ़, नेपाल में आए भीषण भूकंप जैसी आपदाओं में सभी तीर्थयात्राओं में मुफ्त उच्च ऊंचाई वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है।