वाशिंगटन। मॉडर्ना ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि उसकी कोरोना की वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के नए रूप पर भी प्रभावी होंगे। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर एक बूस्टर डोज को टेस्ट करने की योजना बना रही है।
दरअसल कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर एंटीबाडी का असर कम होता नहीं दिखा है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के नए वायरस पर इसका असर थोड़ा कम होता दिखा है। कंपनी का मानना है कि बावजूद इसके उसकी वैक्सीन के दो डोज कोरोना के नए स्ट्रेन पर प्रभावी होंगे।गौरतलब है कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद से यह आशंका पैदा हो गई है कि वायरस के म्यूटेशन के कारण वैक्सीन का असर कम हो सकता है।
मॉडर्ना ने कहा कि वह देख रही है कि क्या दक्षिण अफ्रीका वाले कोरोना वायरस पर क्या उसका बूस्टर डोज काम करेगा। अगर मौजूदा वैक्सीन के इस वायरस पर बेअसर होने के सबूत मिलते हैं तो वह भविष्य में बूस्टर डोज ला सकती है। मॉडर्ना ने कहा कि उसे उम्मीद है कि उसकी मौजूदा वैक्सीन दो डोज लेने के बाद लोगों को कम से कम एक साल के लिए सुरक्षित करेगी।