आगरा। भ्रूण हत्या गैंग को डॉक्टरों के फर्जी नाम और बिल से दवा माफिया गर्भपात किट की कालाबाजारी कर रहे हैं। राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भी इसकी बिक्री का खुलासा हुआ है। इस गैंग को पकड़ने के लिए औषधि विभाग गर्भपात किट के विक्रेताओं की जांच कर रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कालाबाजारी पकड़ी जा चुकी है। दरअसल औषधि विभाग ने 10 दिसंबर को हरियाणा-राजस्थान में गर्भपात दवाओं की किट की कालाबाजारी पर फव्वारा स्थित माधव ड्रग हाउस और एके इंटरप्राइजेज के यहां छापा मारकर हार्ड डिस्क जब्त की थीं।
इसमें पता लगा कि एके इंटरप्राइजेज ने 30 से अधिक डॉक्टरों के फर्जी नाम पर इनकी सप्लाई की थी। इस पर फर्म और गोदाम के लाइसेंस का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति करते हुए सहायक आयुक्त औषधि को भेजी गई थी। तो वहीं एक बार फिर जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने बताया कि आगरा में पांच-छह कंपनियों की गर्भपात किट की एजेंसियां हैं। थोक में इसकी कीमत 40 रुपये होती है। विक्रेता हॉकर को बिना बिल के इसे 150 रुपये में बेचता है।
हॉकर ही अपने खतरे पर इनको विभिन्न राज्यों में भ्रूण हत्या गैंग को 1500 रुपये तक में बेचते हैं। विभाग इन सभी की जांच करे तो गर्भपात किट की कालाबाजारी करने वाला माफिया पकड़ में आ जाएगा। दरअसल औषधि निरीक्षक – नरेश मोहन दीपक ने बताया कि एके इंटरप्राइजेज ने फर्जी बिल से गर्भपात दवाओं की किट की कालाबाजारी की थी, इसके फर्म और गोदाम के लाइसेंस का निरस्त करने की संस्तुति रिपोर्ट भेज दी है, माधव ड्रग हाउस के संचालक ने किट की खरीद-बिक्री के बिल प्रस्तुत कर दिए हैं। वहीं सहायक आयुक्त औषधि –अखिलेश जैन के मुताबिक गर्भपात किट मामले की जांच रिपोर्ट मिल गई है, एके इंटरप्राइजेज का लाइसेंस निरस्त करने से पहले नियमानुसार नोटिस दिया गया है। माधव ड्रग हाउस मामले की रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है।