सोलन। क्षेत्रीय अस्पताल में मरीजों को दवाइयों के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। अस्पताल की डिस्पेंसरी में मरीजों को डॉक्टरों की सुझाई गिनी-चुनीं दवाइयां ही मिल पा रही हैं। बाकी दवाओं के लिए मरीजों को निजी दवा दुकानों में भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे उनकी आर्थिकी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ एमएस डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि सरकार की लिस्ट के हिसाब से ही डिस्पेंसरी में दवाइयां रखी गई है।
जो दवाइयां लिस्ट से बाहर होंगी, वह मरीजों को बाहर से ही खरीदनी पडे़ंगी। सरकार ने 300 दवाइयों की लिस्ट जारी की है। वे ही दवाएं डिस्पेंसरी में रखी गई हैं। साथ ही मरीजों का कहना है कि अस्पताल में खोली डिस्पेंसरी को कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है। नियमानुसार अस्पताल में सभी प्रकार की दवाइयों का रखा जाना चाहिए। मरीजों को सुविधा देने के बजाय डिस्पेंसरी में दवाइयों का आधा ही स्टॉक रखा जा रहा है। बाहर दवाएं लेने से मरीजों को महंगे दामों पर दवाइयां लेनी पड़ रही हैं।