गोरखपुर। गोपलापुर के न्यू लोटस हास्पिटल में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से 26 गुना अधिक दाम में एक इंजेक्शन के बेचने का मामला सामने आने पर ड्रग विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। जांच में इंजेक्शन की आपूर्ति करने वाली हरियाणा की एक लोकल कंपनी का नाम सामने आया है। 140 रुपये में थोक में बिकने वाले इंजेक्शन पर अधिकतम खुदरा मूल्य 3250 रुपये लिखा गया है। हास्पिटल ने उसके ऊपर 3750 रुपये मूल्य का स्टीकर चस्पा कर दिया है। यह स्टीकर भी अस्पताल को दवाओं की आपूर्ति करने वाला थोक व्यापारी बनवाता है।
सहायक औषधि आयुक्त – एजाज अहमद ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। अन्य मेडिकल स्टोरों पर भी इस इंजेक्शन की तलाश की जाएगी। इसके साथ ही उन सभी दवाओं की सूची बनाई जाएगी जो एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेची जा रही हैं। गड़बड़ी मिलने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ – डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि न्यू लोटस हास्पिटल को नोटिस भेजकर वहां के डाक्टरों, उन मरीजों की सूची, जिन्हें इंजेक्शन लगाया गया है तथा वहां प्रतिदिन इंजेक्शन की खपत की सूचना मांगी गई है। इसके आधार पर जांच की जाएगी। कोई दोषी बचेगा नहीं। कानून के हिसाब से उन पर कार्रवाई की जाएगी।
न्यू लोटस हास्पिटल में यह इंजेक्शन लगभग सभी मरीजों को लिखा जाता था। उनसे पैसे भी लिए जाते थे लेकिन रसीद में बैच नंबर नहीं डाला जाता था। एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह का कहना है कि ज्यादा आशंका इस बात की है कि मरीजों को यह इंजेक्शन लगाया नहीं जाता था और पुन: मेडिकल स्टोर में पहुंच जाता था। इसमें कमीशन का बड़ा खेल है, जो शीघ्र ही सामने आ जाएगा। न्यू लोटस हास्पिटल के दो कर्मचारियों व राजू मेडिकल स्टोर के संचालक पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
ड्रग व स्वास्थ्य विभाग शहर के अन्य मेडिकल स्टोरों व अस्पतालों में इस इंजेक्शन के अलावा अन्य दवाओं की भी छानबीन करेगा, जो एमआरपी से अधिक मूल्य में बेची जा रही हैं। न्यू लोटस हास्पिटल के उस डाक्टर से भी पूछताछ की जाएगी जो पकड़ा गया इंजेक्शन लिखता है। वहां कौन-कौन डाक्टर तैनात हैं, यह इंजेक्शन अब तक किन-किन मरीजों को दिया गया है तथा प्रतिदिन हास्पिटल में कितने इंजेक्शन की खपत है, उनकी सूची स्वास्थ्य विभाग ने मांगी है।