तेलंगाना। तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के सरकारी अस्पताल में छह महीने पहले एक्सपायर हुई दवा देने के मामले में तीन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। दरअसल आदिलाबाद जिले के रिम्स सरकारी अस्पताल में एक्सपायर दवा देते समय कुछ मरीजों ने इसे देखकर अस्पताल में हंगामा कर दिया। मरीजों ने डॉक्टरों से कहा कि एक्सपायर दवा देकर कैसे उनके जीवन से खिलवाड़ कर सकते हैं।

दरअसल सेफ्ट्रिएक्सोन दवा एंटीबायोटिक के रूप में उपयोग किया जाता है। ये दवा जनवरी में एक्सपायर हो चुकी थी। आरोप है कि वो दवा अभी भी मरीजों को दी जा रही है। इस मामले में रिम्स अस्पताल के डायरेक्टर बलराम नायक ने पांच डॉक्टरों की टीम को जांच में लगाया था। जांच के बाद दोषी पाए गए एक हेड नर्स और दो अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।

उधर इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अन्य सरकारी अस्पतालों को अपने पास स्टॉक की गई सभी दवाओं की एक्सपायर तारीख की अच्छी तरह से जांच करने और उनकी आखिरी तारीख से पहले की दवाओं को त्यागने या नष्ट करने का निर्देश दिया है।

एक्सपायरी डेट का सही मतलब क्या है

अगर आप किसी भी प्रकार की कोई दवाई खरीदते हैं तो उसके पैक पर आपको दो तारीखें दिखाई देंगी। पहली तारीख मैन्यूफैक्चरिंग की होगी और दूसरी तारीख एक्सपायरी की होगी। मैन्यूफैक्चरिंग डेट वो तारीख होती है जिस दिन उस दवा को बनाया जाता है। वहीं दूसरी ओर एक्सपायरी डेट उस तारीख को कहा जाता है, जिसके बाद दवा निर्माता की दवा के सुरक्षा और असर की गारंटी खत्म हो जाती है।

एक्सपायरी डेट का ये मतलब बिल्कुल भी नहीं होता कि उस तारीख के बाद वो दवाई जहर बन जाएगी। दवाइयों पर लिखे जाने वाले एक्सपायरी डेट का असली मतलब यही होता है कि उस दवा को बनाने वाली कंपनी तय तारीख के बाद उसकी सुरक्षा और प्रभाव की गारंटी नहीं लेगी। इतना ही नहीं, दवा निर्माता किसी भी दवा की बोतल खुलने के बाद उसके प्रभाव की गारंटी नहीं लेते।