लखनऊ। दुनियां भर में कोरोना के साथ -साथ ब्लैक फंगस ने अपना कहर मचा रखा था। एक तरफ लोग कोरोना से परेशान थे तो वहीँ दूसरी तरफ ब्लैक फंगस जैसी घातक बीमारी से कई लोग जूझ रहे थे। इतना ही नहीं इस परेशानी के समय में दवा का स्टॉक भी लगातार ख़त्म हो रहा था। हालांकि अब ब्लैक फंगस मरीजों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है।

बता दें कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने ऐसी दवा को ब्लैक फंगस पर असरदार बताया है, जो आसानी से मिल भी जाती है और सस्ती भी है। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में फंगस पर इट्राकोनाजोल दवा का असर जांचा गया। यह दवा एस्परजिलोसिस के अलावा कई तरह के त्वचा रोगों में दी जाती है। केजीएमयू की लैब में इस दवा को ब्लैक फंगस पर इस्तेमाल किया गया। जिसके नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं।

केजीएमयू में हुई जांच में पता चला है कि बलैक फंगस पर इट्राकोनाजोल दवा का असर 60 फीसदी तक होता है। इस दवा से इलाज के दूसरे मानक भी अच्छे रहे हैं। बता दें कि यूपी में ब्लैक फंगस के जितने भी मरीज अब तक मिले हैं, उनमें से ज्यादातर में राइजोपस ओराइजी नाम का फंगस देखा गया है। इस फंगस पर इट्राकोनाजोल दवा बहुत असर करती है।

यूपी में मई के महीने में ब्लैक फंगस के मरीज सामने आने लगे थे। इस दौरान इसके इलाज के लिए दी जाने वाली दवा एम्फोटेरेसिन बी की कमी हो गई थी। मरीजों के परिजनों को इस दवा के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ी थी। ऐसे में उन्हें तीन से चार हजार और कभी-कभी आठ हजार के ज्यादा रेट पर ये दवा खरीदनी पड़ी। अब इट्राकोनाजोल का ट्रायल अगर केजीएमयू में ब्लैक फंगस के मरीजों पर सटीक रहता है, तो इससे आने वाले दिनों में इस सस्ती दवा से मरीज ठीक हो सकेंगे और उनके परिजनों को दवा के लिए इधर-उधर भटकना भी नहीं पड़ेगा।