रांची। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में रिम्स अस्‍पताल की हालत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने रिम्स में जेनरिक दवा केंद्र और सीटी स्कैन मशीन अभी तक नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि रिम्स में पीएम जनऔषधि केंद्र खोलने और सीटी स्कैन मशीन लगाने को लेकर कई बार निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

इसकी जानकारी देने के लिए फिर अदालत से समय मांगा जा रहा है। आखिर रिम्स प्रबंधन अदालत के आदेश को इतना हल्के में क्यों ले रहा है। जनऔषधि केंद्र नहीं खुलेगा तो गरीबों को सस्ती दवाएं कैसे मिलेंगी। अदालत ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है, सीटी स्कैन मशीन नहीं होगी तो क्या हाल होगा। रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है। लेकिन यहां कुछ भी सुविधा नहीं है। सब कुछ आउटसोर्स पर चल रहा है। अदालत चाहती है कि रिम्स सभी संसाधनों से युक्त हो।

यहां पर दवा से लेकर सभी प्रकार की जांच व चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध हों और गरीबों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। अदालत ने अगले सप्ताह रिम्स को सभी मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स से जन औषधि केंद्र की जानकारी मांगी। रिम्स की ओर से बताया गया कि रांची सदर अस्पताल में जेनरिक दवा की सप्लाई करने वाली कंपनी को ही फिलहाल रिम्स में दवा सप्लाई करने का काम सौंपने की योजना है।

सीटी स्कैन मशीन की जानकारी मांगते हुए अदालत ने पूछा कि सीटी स्कैन मशीन स्थापित हुई या नहीं। रिम्स निदेशक से फोन पर बात करने के बाद अधिवक्ता ने बताया कि सीटी स्कैन मशीन का प्लेटफार्म बना लिया गया है। आगामी 18 अगस्त को मशीन जर्मनी से चलेगी और 26 अगस्त को रांची पहुंचेगी। इस पर अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि हर बार रिम्स की ओर से यही जवाब दिया जा रहा है और समय की मांग की जा रही है। इससे प्रतीत होता है कि रिम्स गंभीर नहीं है। अदालत ने अगले सप्ताह सभी बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

सुनवाई के दौरान दवाई दोस्त के संचालक की ओर से अदालत को बताया गया कि उनकी दुकान को रिम्स परिसर से हटा दिया गया है। जबकि वहां सस्ती दर पर मरीजों को दवा मिलती है। यह एक ट्रस्ट की ओर से चलाया जाता है। इससे कोई कमाई नहीं की जाती है। रिम्स प्रबंधन ने दुकान बंद करा दिया है। इस पर अदालत ने कहा कि अभी अदालत इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।