पानीपत। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन हरियाणा की ओर से जिला में विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिला की हर दवा दुकान का निरीक्षण होगा। दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट की मौजूदगी जरूरी है। उसका प्रमाण पत्र और अनुबंध पत्र भी दुकान में होना चाहिए। झोलाछापों के क्लीनिकों पर भी नजर रहेगी। जिला औषधि नियंत्रक (डीसीओ) विजया राजे ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जिले में नशा फैलाने वाली ताकतें समय-समय पर सक्रिय होती रही हैं।

कालांतर पर कुछ दवा विक्रेता भी शामिल मिले हैं। खासकर, देहात क्षेत्र में की गई छापामारी के दौरान दवा दुकानदार मेडिसिन की खरीद और बिक्री का रिकार्ड नहीं दिखा सके थे। कोरोना काल में दूसरे कार्यों में व्यस्तता के कारण विशेष निरीक्षण नहीं हो सका। अब अभियान चलाकर स्टाक और रिकार्ड जांचा जाएगा।

डीसीओ ने बताया कि उत्तर भारत में बढ़ते नशे को रोकने के हरियाणा, पंजाब हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई विभाग मिलकर काम करने के लिए कई बार बैठकें कर चुके हैं। प्रदेश में हरियाणा कंट्रोल आफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (हरकोका) मजबूती से लागू होगा। इससे संगठित अपराध, गैंगवार और नशा तस्करी पर लगाम कसेगी।

डीसीओ ने बताया कि खामियां मिलने पर सभी को नोटिस जारी किए जाएंगे। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए जागरूक समाज को आगे आना होगा।

यूं तो दवा विक्रेता को प्रत्येक दवा की खरीद का बिल रखना होता है। शेड्यूल एच (प्रतिबंधित मेडिसिन) का अलग से ब्योरा रखना होता है। रजिस्टर में दवा लिखने वाले डॉक्टर का नाम, रोगी का नाम और मोबाइल नंबर भी लिखा होना अनिवार्य है। शेड्यूल एच में तमाम वे मेडिसिन हैं जिन्हें नशा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।