हरदोई। मौसमी बिमारियों की होड़ लगी हुई है और ऐसे में लोगों को दवा की खास जरुरत होती है। लेकिन ये दवाइयां फेंक दी जाएंगी मगर मरीजों को समय पर उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी। लगातार ऐसे मामले सामने आते रहते है जब भरी मात्रा में दवा यूं ही फेंक दी जाती है। और जब ऐसे मामलों पर स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा जाता है तब आम तौर पर ऐसे मामलों में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार रटा रटाया जवाब देते हैं। जवाब होता है कि एक्सपायरी डेट की दवाएं थीं, इसलिए फेंक दी गईं। मान भी लिया जाए कि दवाएं एक्सपायरी डेट की थीं, तो भी सवाल यह है कि इसकी नौबत आई क्यों। अस्पताल आने वाले मरीजों को अगर व्यवस्थित ढंग से दवाइयां वितरित की जातीं, तो दवाओं के एक्सपायर होने की नौबत ही नहीं आती।

जिला चिकित्सालय के दवा काउंटर से भले ही मरीजों को दवा का अभाव बताकर टरकाया जाता हो, लेकिन दवाओं और सीरप को कूड़े के ढेर में फेंका जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं की यह शर्मनाक हकीकत हरियावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे भारी मात्रा में दवाइयां और सीरप कूड़े के ढेर में पड़े मिले। किसी को दवा फेंके जाने की भनक न लगे, इसलिए बाकायदा इन दवाइयों और सीरप की शीशियों को जलाया भी गया। मंगलवार को सीएचसी के पीछे कूड़े के ढेर में आयरन, कैल्शियम, विटामिन की टैबलेट्स (गोलियां) और एक सीरप की शीशियां भी पड़ी मिलीं। इन सभी को जलाया भी गया था। कोरोना संक्रमण के दौरान दवाइयों का महत्व भी लोगों की समझ में आ चुका है, जब कई दवाओं की कालाबाजारी की जा रही थी। ऐसे में शासन से उपलब्ध कराई गईं निशुल्क दवाएं फेंका जाना कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरियावां के अधीक्षक डॉ. अखिलेश वाजपेयी ने बताया कि सीएचसी के पीछे झाड़ियों में सांप, बिच्छू भी रहते हैं। इस वजह से उधर जाना नहीं हुआ। अब मामला संज्ञान में आया है, तो जाकर देखेंगे और तभी पूरी बात बता सकेंगे। जिला चिकित्सालय और सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को लिखी जाने वालीं दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। आम तौर पर देखा जाता है कि चंद दवाइयों को छोड़कर कोई भी दवाएं सीएचसी और पीएचसी पर नहीं मिल पातीं। तीमारदार अपने मरीजों की सलामती के लिए चिकित्सक से बाहर की दवाइयां लिखवा लेते हैं। एक तरफ मरीजों को निशुल्क दवा सीएचसी से नहीं मिल पा रहीं, तो दूसरी ओर दवाइयां सीएचसी से फेंकी जा रही हैं।