नई दिल्ली : भारत दुनिया की 70 फीसदी कोविड वैक्सीन की जरुरतों को पूरा कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी.
कोरोनो वायरस महामारी पर लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि दो कोविड टीके (कोवैक्सीन और जायकोव-डी) भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किए गए. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण द्वारा विकसित अन्य कोविशील्ड को आपातकालीन उपयोग के लिए अप्रूव किया गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड से पहले भारत एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर जैसे कई उपकरणों का आयात करता था, लेकिन अब देश इनका निर्यातक बन गया है.
मंडाविया ने कहा 11 अप्रैल, 2021 तक, देश में रेमडेसिविर बनाने वाले 20 प्लांट एक महीने में 30,000 इंजेक्शन का उत्पादन कर रहे थे. हमने देश की निर्माण कंपनियों को दुनिया भर से कच्चे माल को इकट्ठा करने की मंजूरी से मदद की है. इन प्लांटों की संख्या जहां 20 से बढ़कर 60 से अधिक हो गई, वहीं एक माह में उत्पादन क्षमता 10 लाख से अधिक हो गई है.
कोविड महामारी के दौरान राज्यों को आर्थिक सहायता के बारे में, मंडाविया ने कहा, “जुलाई 2021 में, ईसीआरपी -2 पैकेज देते हुए, राज्यों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक उपलब्ध कराए गए थे. 800 से अधिक बाल चिकित्सा इकाइयां और कम से कम एक बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र इसके तहत हर राज्य में और कुल मिलाकर ऐसे 42 केंद्र बनाए जाएंगे.