नोएडा : कोरोना महामारी के दौरान दवाओं की बिक्री सातवें आसमान पर रही. हर कोई अपना जीवन बचाने के लिए कई तरह के दवाओं का इस्तेमाल कर रहा था. तो वहीं अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दवा कंपनियों ने नकली दवा का निर्माण शुरू कर दिया.
पुलिस ने सात माह पहले इकोटेक तीन थाना क्षेत्र की एक कंपनी में छापा मारकर दवाइयां जब्त की थी. लैब से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद यह खुलासा हुआ कि यह दवाइयां नकली हैं, जिनका इस्तेमाल कोविड के इलाज में किया गया था. छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में दवाइयां और मशीनें जब्त की गई थीं. इनकी कीमत करीब 50 लाख रुपये थी.
जब्त की गई दवा पर एंटीबायोटिक और एंटी वायरल लिखा हुआ था. 7 नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा गया था. जांच में सभी दवाइयां नकली मिली हैं. इनमें एंटीबायोटिक और एंटी वायरल सॉल्ट या कंपोजीशन नहीं मिले.
आरोपियों ने मेरठ और मुंबई में दवाइयों की आपूर्ति की थी. आरोपियों ने 50 से 60 रुपये में तैयार हो रहीं इन दवाइयों की एक स्ट्रिप की कीमत 1100 रुपये रखी थी. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सुदीप मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया.
दवा नकली साबित होने के बाद मुंबई पुलिस ने स्थानीय पुलिस व औषधि विभाग के साथ मिलकर कंपनी में छापा मारा था. अब औषधि विभाग जेल में बंद मुख्य आरोपी से पूछताछ करेगा.