पटना

नीतीश सरकार ने एक अहम फैसले लेते हुए कहा कि बिहार में होम्योपैथिक दवा नहीं बनेगी, सरकार ऐसी दवाएं बनाने के लिए नया लाइसेंस नहीं देंगी। जिन्हें पहले लाइसेंस मिला हुआ है उसे रद्द किया जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुताबिक, होम्योपैथिक दवाओं का रिटेल शॉप रहेगा जहां पर बाहर से दवा की बोतल 100 एमएल से ज्यादा नहीं रहेगी। उन्होंने इस बाबत केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में न तो स्प्रिट का स्थानीय स्तर पर निर्माण होगा और ना ही स्प्रिट आधारित किसी वस्तु का उत्पादन। चीनी मीलें भी सीधे एथनॉल का ही निर्माण करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर की दवाओं के मुकाबले स्थानीय दवाओं की खरीद न के बराबर है। हाल के दिनों में हुई छापेमारी में कई होम्योपैथ दवा निर्मताओं द्वारा लाइसेंस शर्तों को तोडऩे की बात सामने आई। राजधानी के चार दवा निर्माताओं के पास तीन हजार अवैध बोतलें पकड़ी गई, वहीं आरा में छह दवा निर्माताओं के पास 65,000 बोतलें पकड़ी गईं। स्प्रिट का गलत इस्तेमाल भी किया गया