राजस्थान के सिरोही में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट को नियमों के खिलाफ बेचने का मामला सामने आया है. सरूपगंज में मेडिकल स्टोर्स पर खुलेआम एमटीपी किट बेचे जा रहे हैं. डॉक्टर की पर्ची के बिना मेडिकल स्टोर पर 500 से 700 रुपए लेकर गर्भपात का सामान बेचा जा रहा है. बता दें कि बिना डॉक्टर की सलाह के एमटीपी किट का प्रयोग जानलेवा बन सकता है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरूपगंज पंचायत भवन के पास एक मेडिकल स्टोर पर एमटीपी किट नियमों के खिलाफ बेचने का मामला वायरल वीडियो से उजागर हुआ है. वीडियो के मुताबिक महिला प्रेगनेंसी की बात कहकर गर्भपात की दवाई मांगती है. इस पर मेडिकल स्टोर संचालक बिना पर्ची महिला को 600 रुपए में एमटीपी किट देते हुए देखा जा सकता है. महिला को गर्भपात किट देने के बाद पूरा तरीका भी समझाया गया.
एमटीपी किट का उपयोग
गर्भपात की दवा बिना चिकित्सक की देख-रेख में लेना जानलेवा हो सकता है. इन दवाओं से कई बार खून बहना बंद नहीं होता. अधिक खून बह जाने और शरीर में खून की मात्रा कम होने के कारण प्रसूता की मौत भी हो सकती है. गर्भपात की दवा केवल डॉक्टर की निगरानी में देने का नियम है.
इस प्रकरण से सवाल यह भी उठता है कि खुलेआम बिक रही एमटीपी किट और लोगों का प्रयोग का तरीका बताने, गर्भपात की दवाई देने जैसे कृत्य के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही ?
नियमों के मुताबिक लाइसेंसधारी मेडिकल स्टोर एमटीपी किट रख तो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की पर्ची के बिना बिक्री नहीं कर सकते. एमटीपी यानी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ओवर द काउन्टर प्रोडक्ट नहीं है. नियमानुसार तो एमटीपी किट की खरीद-बिक्री का हिसाब भी रखना होता है.
चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम-1971 एवं संशोधित अधिनियम-2002 के प्रावधानों के अनुसार सरकारी अस्पताल या सरकार की ओर से अधिकृत चिकित्सा केन्द्रों के अतिरिक्त या गैर पंजीकृत चिकित्सक की ओर से गर्भपात किया जाता है तो दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान है.