भारत के फार्मा इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। फार्मा इंडस्ट्री अपने निर्यात के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है। वित्त वर्ष 2021-22 में फार्मा इंडस्ट्री केवल 0.13 फीसद ग्रोथ हासिल कर सकी। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक फार्मास्युटिकल्स का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले साल के मुकाबले कम हुआ है। सरकार के महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फार्मास्यूटिकल सेक्टर का ग्रोथ 2020-21 में 18.19 फीसद हुआ था। इस साल के आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में 2.26 बिलियन डॉलर का निर्यात किया जो पिछले साल के मुकाबले 1.46 फीसद कम है। रिपोर्ट के मुताबिक लगातार तीसरे महीने निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है।

जनवरी में 1.15 फीसदी जबकि फरवरी में 3.13 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। गौरतलब है कि ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल भारत से निर्यात किए जाने वाले सामानों में पांचवें नंबर पर आता है। भारत 5.86 फ़ीसदी ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात करता है। इनके अलावा भारत इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, जेम्स एंड ज्वेलरी समेत ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल का निर्यात भी करता है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसमें वित्त वर्ष 2021-22 में यानी 31 मार्च 2022 को खत्म हुए फाइनांशियल इयर में भारत ने 24.44 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। गत वर्ष भारत में 24.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था।

फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात ऐसे समय में कम हुआ है जब देश से निर्यात किए जाने वाले अन्य सामानों में ओवरऑल 43.18 फ़ीसदी का उछाल देखा गया है। जो लगभग 417.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। पिछले वर्ष ओवरऑल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 291.81 अमेरिकी डॉलर का हुआ था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर, 2021 के बाद पिछले 7 महीनों से फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में लगातार गिरावट देखी जा रही है। एकमात्र बढ़त दिसंबर, 2021 में दर्ज की गई थी जब 5.2 फ़ीसदी ग्रोथ (लगभग 2.32 बिलियन डॉलर) का दावा किया गया। यह तुलना दिसंबर, 2020 से की गई।

बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 में 18.19 फ़ीसदी का अभूतपूर्व ग्रोथ होने का दावा किया गया था। आठ साल से इतनी बड़ी मात्रा में भारत से निर्यात कभी नहीं हुआ था। यह 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 8 साल के बाद ऐसा ग्रोथ देखा गया।

इस वित्त वर्ष में निर्यात को प्रभावित करने वाले कारकों में फ्रेट कॉस्ट (किराया) में इजाफा, अमेरिका के कुल निर्यात में गिरावट और कई अन्य कारण भी शामिल हैं। खबरों के मुताबिक रेगुलेटरी जांच के लंबित होने के कारण अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने आयात न करने का सुझाव दिया है। यूएसएफडीए ने भारत में उत्पादन यूनिट के इंस्पेक्शन की बात कही है।

गौरतलब है कि जापान और यूरोप में कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ग्रोथ कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान इनका बिजनेस बेहतर हुआ। यहां से अमेरिका जैसे देशों को निर्यात भी किया गया है, जिससे भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017-18 में फार्मा इंडस्ट्री में 2.92 फीसद का ग्रोथ, वित्त वर्ष 2018-19 में 10.72 फीसद, जबकि साल 2019-20 में 7.57% की वृद्धि देखी गई थी।