नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने लगभग आधे मोहल्ला क्लीनिक को टैबलेट दिया है। रोग-वार नीतियां तैयार करने और चिकित्सकों को आने वाले मरीजों की संख्या में हेराफेरी करने से रोकने लिए यह कदम दिल्ली सरकार ने उठाया है।
शहर में 519 मोहल्ला क्लीनिक हैं, जो मरीजों को 212 विभिन्न प्रकार के परीक्षणों सहित मुफ्त प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन क्लीनिक में प्रतिदिन 60,000 से अधिक लोगों का इलाज किया जाता है।
आंकड़ों के मुताबिक मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत चिकित्सकों सहित कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन-सुविधा आने वाले मरीजों की संख्या पर निर्भर करती है। अधिकारियों के अनुसार लगभग 260 मोहल्ला क्लीनिक को टैबलेट दिए गए हैं और शेष क्लीनिक को भी इसे उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
अधिकारी के मुताबिक चिकित्सकों द्वारा मरीजों की संख्या में हेराफेरी करने की कोई गुंजाइश नहीं होगी। अधिकारी ने कहा कि टैबलेट के कुछ अन्य छोटे फायदे यह हैं कि गलत परीक्षण परिणाम लिखने वाले चिकित्सकों और नर्सों की संख्या को कम किया जा सकता है।
इस महीने की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि शहर में किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए एक मोहल्ला क्लिनिक सबसे पहला बिंदु है।