मऊ : जिला अस्पताल कैंपस में आयुष ब्लाक दवाओं की किल्लत से जूझ रहा है। इन समस्या के बीच मरीजों को दवाएं बाहर से लेनी पड़ रही है। इस बीच में यहां पर डॉक्टरों के न बैठने की भी समस्या का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है।
मरीजों को डॉक्टर भी बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। ऐसे में मरीजों को मजबूरी में दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही है। यूनानी तथा होमियोपैथिक विधा से इलाज कराने आए शिवकुमार, शांति देवी का कहना था कि चिकित्सक कब आते हैं कब चले जाते हैं पता नहीं चल पा रहा है।
बता दें कि एक ही भवन में यूनानी, आयुर्वेद तथा होमियोपैथिक तीनों विधा के चिकित्सकों की तैनाती की गई है।
लेकिन किसी भी ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिले । मरीजों का पंजीकरण जिला अस्पताल के काउंटर से होता है। मरीज अपना इलाज आयुर्वेद, होमियोपैथिक, यूनानी से कराने तो आते हैं, लेकिन यहां अक्सर दवाओं का अकाल रहता है।
रोज होने वाली ओपीडी में हर विधा में 25-30 मरीज होते है। चिकित्सक मरीजों को अपनी विधा में दवा लिखने के बजाय एलोपैथिक की दवा लिख देते हैं। इसकी भी शिकायत वहां देखने को मिली ।जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रविंद्र नाथ ने बताया कि दवाओं की कमी नहीं है।