यूपी के बांदा के जिला अस्पताल में मरीजों को मुफ्त सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है अव्यवस्था का नजारा हर दिन देखने को मिल रहा है। भारी भीड़ धक्का-मुक्की और बाहर से दवा लिखने में डॉक्टर को दिखाने के लिए घंटों इंतजार करना अब आम बात हो चुका हैं।
जिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की भीड़ हमेशा लगी रहती है। दवा वितरण काउंटर हो या फिर डॉक्टर के कक्ष सभी जगहों पर लंबी लाइन देखने को मिल रही है।
वहां इलाज कराने आए सुशील ने बताया कि एचआईवी और वीडीआरएल की जांच डॉक्टर ने बाहर से करवाई है। इसमें करीब ₹700 खर्च हुए हैं। उन्हें कुछ दिनों से कब खांसी और बुखार की शिकायत थी। वह पेशे से वह मजदूर है, लेकिन इलाज कराने के लिए जांच के नाम पर उनसे पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं एक अन्य ने बताया कि उसके 13 वर्षीय बेटे को शुगर है अस्पताल में उसे दवा नहीं मिल पा रही है। उसे बाहर से दवा लेना पड़ रहा है।
इस बारे में बात करने पर सीएमएस डॉक्टर एसएन मिश्रा ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध है। खून जांच भी सरकारी फीस पर अस्पताल में होती है। इसके बाद भी बाहर से दवा मंगाना गलत है। वह इस मामले की जांच करेंगे और जांच में रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।