नई दिल्ली
धारणा तो यह है कि होम्योपैथिक दवाएं ज्यादा सुरक्षित और प्रभावशील होती हैं। एलोपैथ की तुलना में होम्योपैथिक कम केमिकल का विकल्प है, लेकिन लाइव नेक्सट की खबर के अनुसार, होम्योपैथिक दवा को हर मायने में फायदेमंद नहीं माना जा सकता। कभी-कभी ये नुकसानदायक भी हो सकती है।
होम्योपैथिक दवाओं का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि किसी आपातकाल स्थिति में ये दवाएं किसी काम की नहीं होती हैं। ये दवाएं धीरे-धीरे असर करती हैं। सर्जरी या अन्य किसी स्थिति में जिस समय मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है तो होम्योपैथ मददगार नहीं है। पोषण संबंधी समस्या या पोषण की कमी होने की स्थिति में होम्योपैथिक दवा बिल्कुल भी असरकारी नहीं होती। उदाहरण के रूप में एनिमिया या आयरन की कमी या अन्य तत्वों की कमी होने पर ये दवाएं बेअसर साबित होती हैं। होम्योपैथ का साइड इफेक्ट ये भी है कि डॉक्टर की दी गई दवाओं का सेवन अगर निश्चित समय से ज्यादा सीमा तक किया जाए तो इसका ओवरडोज नुकसान पहुंचा सकता है। मुख्यतौर पर इस अवस्था में पेट का इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।