शहर के लिए डेंगू इन दिनों कोरोना से अधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति में पहुंच चुका है। अस्पतालों में डेंगू के बेड फुल हो चुके हैं तो मरीजों के लगातार आने से हालात बहुत चुनौतीपूर्ण नजर आने लगे हैं।
सरकारी अस्पतालों में माह भर से लगातार बेड भरे हुए हैं तो नए मरीजों के लिए कतार भी लगने लगी है। अस्पताल प्रबंधन भी नए मरीजों को लगातार भर्ती कर पाने में अक्षम नजर आ रहा है। ऐसे में तीन सौ आधिकारिक तो इससे कहीं अधिक मरीज निजी अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
शासन व स्वास्थ्य विभाग की सख्ती व सक्रियता के बाद भी डेंगू का प्रसार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को आई एलाइजा जांच रिपोर्ट में पांच की रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई। इसमें लोहता के कृष्णा नगर, दशाश्वमेध, अवलेशपुर के लोग शामिल हैं।
इसके साथ ही सरकारी आंकड़ों में संख्या 293 हो गई। हालांकि गांव-मोहल्लों के अस्पतालों की स्थिति और ब्लड बैंकों में प्लेटलेट डिमांड पर गौर करें तो यह संख्या हजार तक जा सकती है।बहरहाल, डेंगू पीड़ितों के पाए जाने वाले गांव-मोहल्लों में स्वास्थ्य विभाग ने लार्वा रोधी दवा का छिड़काव कराया।
साथ ही लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी। कहा किसी को बुखार हो तो डेंगू की जांच अवश्य करा ले। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित 110 सर्विलांस टीमों की ओर से 6,588 घरों का सर्वे किया गया। जलजमाव वाले 1154 स्थलों को साफ कराया गया। साथ ही 105 लोगों के रक्त के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया।
छोटे-बड़े अस्पतालों में बनाए 130 बेड
डेंगू पीड़ितों की बढ़ती संख्या के कारण मंडलीय व दीनदयाल अस्पताल में आरक्षित बेड फुल हो गए हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। गांव से लेकर शहर तक की सीएचसी-पीएची व बड़े सरकारी चिकित्सालय में 130 बेड बढ़ाए गए। वायरल फीवर से पीड़ितों की भी अधिक संख्या अस्पतालों में भर्ती है।