हिमाचल के बद्री में राज्य दवा नियंत्रक अधिकरण ने नकली दवा बनाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी अनुसार बद्री में यूएसबी सिप्ला और इसका लैब जैसी नामी कंपनियों के नाम से नकली दवा तैयार की जा रही थी। जिसे पुलिस ने पकड़ा है।

इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली और ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बनी नकली दवाएं बरामद

हिमाचल के बद्री में राज्य दवा नियंत्रक अधिकरण ने नकली दवा बनाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी अनुसार बद्री में यूएसबी सिप्ला और इसका लैब जैसी नामी कंपनियों के नाम से नकली दवा तैयार की जा रही थी। जिसे पुलिस ने पकड़ा है।

इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली और दवा दर्द निवारक दवाएं शामिल है। नकली दवा बद्री में बनाई जाती जबकि यूपी के आगरा में इसकी बिक्री की जाती थी।

इस गिरोह को चलाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है आरोपियों की निशानदेही पर एक गोदाम भी पकड़ा गया है जहां से लाखों रुपए की नकली दवाएं बरामद हुई है।

पुलिस पता लगाने की कोशिश करिए कि यह गिरोह कितने समय से इन दवाओं को तैयार कर रहा था और किन-किन राज्यों में इसकी बिक्री करता था।

राज्य नियंत्रण प्राधिकरण के एक अधिकारी ने क्रेटा कार पकड़ा जिसमें से नकली दवाइयां बरामद हुई। पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान रोहित मोहित बंसल आगरा निवासी के रूप में रूप में की है।

पकड़े गए आरोपियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है जो भी पूछताछ में जानकारी सामने आई है। उसमें कहा गया है कि आगरा में मेडिकल स्टोर है जहां पर इन दवाओं को बेचा जाता था।
दवा दर्द निवारक दवाएं शामिल है। नकली दवा बद्री में बनाई जाती जबकि यूपी के आगरा में इसकी बिक्री की जाती थी।

इस गिरोह को चलाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है आरोपियों की निशानदेही पर एक गोदाम भी पकड़ा गया है जहां से लाखों रुपए की नकली दवाएं बरामद हुई है।

पुलिस पता लगाने की कोशिश करिए कि यह गिरोह कितने समय से इन दवाओं को तैयार कर रहा था और किन-किन राज्यों में इसकी बिक्री करता था।

राज्य नियंत्रण प्राधिकरण के एक अधिकारी ने क्रेटा कार पकड़ा जिसमें से नकली दवाइयां बरामद हुई। पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान रोहित मोहित बंसल आगरा निवासी के रूप में रूप में की है।

पकड़े गए आरोपियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है जो भी पूछताछ में जानकारी सामने आई है। उसमें कहा गया है कि आगरा में मेडिकल स्टोर है जहां पर इन दवाओं को बेचा जाता था।