भोपाल। आज हर घर में लोगों के जुबान पर जेनेरिक और आयुर्वेदिक का नाम अक्सर सुनने में सामने आ जाता हैं। ऐसे में लोगों का इन दवाओं पर भरोसा काफी बड़ा है।
अगर बात करें बाजार कि तो ठीक इसी तरह मुनाफे भी इन दवाओं के काफी बड़े हैं। जेनेरिक दवाओं के नेट रेट और एमआरपी में 700ः तक का अंतर है। इसी के चलते अधिकतर दवा दुकानों पर आप 50 प्रतिशत तक की एमआरपी पर छूट के बोर्ड लगे व बैनर लगे देखते होंगे तथा अधिकतर डॉक्टरों द्वारा लिखी गई जेनेरिक दवा एमआरपी रेट पर उसके यहां खुले काउंटर पर ही मिलती है।
इसके साथ ही आयुर्वेद के लिए भी बाजार खुल गया है। यानी यहां कीमत खुद कंपनियां ही तय कर रही है
आपको बता दें कि जटिल अपेंडिसाइटिस और पेरीटोनाइटिस में उपयोग होने वाली ₹320 रेट की मेरोपेनम इंजेक्शन 2150 रुपए तक लिए जा रहे हैं। यह एकमात्र उदाहरण है।
ऐसे ही फेफड़े में संक्रमण से बचाने वाली एमिकासिन इंजेक्शन की एमआरपी 65 रुपये है जो 21 रूपये में मिल जा रही है। वहीं फेफड़े के संक्रमण में इलाज में उपयोगी दवाएं दी जा रही है।
मेडिकेयर न्यूज से बात करते हुए ड्रग इंस्पेक्टर अजय ठाकुर ने बताया कि वे दवाएं जिनका ड्रग कंट्रोल ऑर्डर है। वह जिन दवाओं के लिए है, उनका रेट फिक्स है। जो दवाई डीपीसीओ के तहत आती है उनकी कीमत ज्यादा नहीं रखी जा सकती।