Maharashtra FDA: महाराष्ट्र में कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों पर दुनियाभर में सवाल उठने के बाद महाराष्ट्र एफडीए (Maharashtra FDA) ने फार्मा कंपनियों पर उचित कार्रवाही शुरु कर दी है। विभाग की ओर से राज्य में 84 कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच की गई थी जिनमें से 27 कंपनियों को नोटिस जारी किया है। चार कफ सिरप कंपनियों का उत्पादन बंद किया गया है और 6 के लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इस बात की जानकारी अन्न और औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ (Minister Sanjay Rathore) के द्वारा दी गई है।
बीजेपी की मांग दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो (Maharashtra FDA)
औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ (Minister Sanjay Rathore) ने कहा कि फरवरी 2023 की जांच में सामने आया कि महाराष्ट्र में 200 दवा विनिर्माताओं द्वारा 2000 से अधिक दवाओं निर्माण किया जाता है। बिना किसी तरह के स्टेबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट के ज्यादा दवाओं का निर्यात किया जा रहा है। बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश कर पूछा कि सरकार के द्वारा इन दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द करने क्या कार्रवाई कर रही है। शेलार ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। उन्होंने दोषी दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
दवा निर्माता के खिलाफ कार्रवाही जारी
संजय राठौड़ ने बीजेपी को जवाब देते हुए बताया कि WHO ने बीते साल गांबिया में 66 बच्चों की मौत की रिपोर्ट जारी की थी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से 7 अक्टूबर साल 2022 परिपत्र के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य में कफ सिरप निर्माता द्वारा तैयार की गई दवाओं की जांच के लिए अभियान चलाया गया। इसमें 84 कंपनियों का निरीक्षण किया गया। कुल 27 कंपनियों के निर्माता के सिरप परीक्षण में कुछ कमियां पायी गई है। उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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पूरे महाराष्ट्र में कुल 966 एलोपैथिक दवा निर्माता कंपनियां हैं। बीते साल 8 हजार 259 खुदरा विक्रेताओं की जांच की गई थी। 2 हजार लाइसेंसधारियों को कारण बताया गया है। 424 लाइसेंस रद्द किए गए हैं और 56 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।