UGC India: देश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में अब मेडिकल के छात्रों के लिए आयुर्वेद और यूनानी पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है। ये फैसला यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC India) की ओर से लिया गया है। यूजीसी ने तमाम यूनिवर्सिटी और संस्थानों से कहा है कि पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों में नामांकित छात्रों को IKS Program लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जो कुल अनिवार्य क्रेडिट का कम से कम पांच प्रतिशत होगा।
UGC India की ओर से जारी हुआ नोटिफिकेशन
यूजीसी की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें साफ कहा गया है कि जो छात्र मेडिकल में यूजी कार्यक्रमों में नामांकित हैं, वे पहले साल में इंडियन मेडिकल काउंसिल पर एक क्रेडिट पाठ्यक्रम ले सकते हैं। मेडिकल छात्रों को आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी की बुनियादी समझ प्रदान करेगा।
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विशेषज्ञों का कहना है कि नई शिक्षा नीति में इसलिए बदलाव किए गए हैं ताकि मेडिकल के छात्रों को एलोपैथी के साथ हर तरह के चिकित्सा पद्धिति की पूरी जानकारी दी जा सके। आगे चलकर जब वो डॉक्टर बने तो वह हर तरीके से मरीजों का इलाज करने में सक्षम हों। इससे एक ही डॉक्टर एलोपेथी और आयुर्वेदिक तरीके से मरीजों का इलाज करने में सक्षम होगा।
UGC Guidelines for Training/Orientation of Faculty on Indian Knowledge System (IKS).
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यूजी पीजी में रामायण महाभारत अनिवार्य
यूनिवर्सिटी में यूजी पीजी में रामायण और महाभारत को शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है। पाठ्यक्रम में भारतीय सभ्यता का मूलभूत साहित्य, जिसमें वैदिक कॉर्पस, इतिहास – रामायण और महाभारत की सामग्री शामिल है। वैदिक काल से लेकर विभिन्न क्षेत्रों की भक्ति परंपराओं तक, जैन और बौद्ध सहित भारतीय दर्शन के मूलभूत ग्रंथ भी शामिल किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का पाठ्यक्रम में धार्मिक ग्रंथों को इसलिए शामिल करने का उद्देश्य उच्च शिक्षा का पूर्ण रूप से कायापलट करना है। इसके जरिए प्राचीव और सनातन भारतीय ज्ञान का प्रचार प्रसार करना है।
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