Barabanki:उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barabanki) के ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ इलाज के नाम पर धोखा हो रहा है। इन अस्पतालों में मरीजों को ना तो सही से इलाज मिल रहा है और ना ही स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्य का सही से पालन कर रहे हैं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति में फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वॉय के द्वारा मरीजों का इलाज हो रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की जगह फार्मासिस्ट कर रहे हैं इलाज (Barabanki)

बाराबंकी के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला कि फार्मासिस्ट डॉक्टर का काम कर रहा है। यह फार्मासिस्ट ना केवल मरीजों की नाड़ी देखता है बल्कि उन्हें दवाएं लिखकर भी देता है। यह पूरा मामला बाराबंकी में स्थित फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद अस्पताल फार्मासिस्ट जितेंद्र नारायण पाण्डेय के भरोसे चल रहा है। डॉक्टर हर दिन स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच ही नहीं रहे हैं जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की गैरहाजिरी में फार्मासिस्ट के भरोसे ही पूरा स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।

मेडिकल स्टोर से मोटा कमीशन खा रहे हैं 

मरीजों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और फार्मासिस्ट उन्हें बाहर के दवाइयां लिख देते हैं।  बाहर के मेडिकल स्टोर पर जाता है, उसको ही कमीशन मिलता है। मरीजों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में अपना इलाज करवाने गए थे। उन्होंने अपनी शिकायत बताई और दवा भी लिखवाई। लेकिन जब चेकअप करवाकर बाहर आया तो पता चला उसे डॉक्टर ने नहीं बल्कि फार्मासिस्ट ने देखा है। उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टर या फार्मेसिस्ट बाहर की दवाई लिखते हैं और बाहर की दवाएं इतनी महंगी होती हैं कि दवा खरीद नहीं पाते। गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहने को ये तो ये  सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन यहां कमीशन का बड़ा खेल चल रहा है जिसके कारण गरीबों की परेशानियां पड़ रही है।

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