Muzaffarpur: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले के सदर अस्पताल से एंटी रेबीज टीकों की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। हरियाणा पुलिस ने अस्पताल में कार्यरत ओटी असिस्टेंट को इस मामले में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अस्पताल में कार्यरत ओटी असिस्टेंट अस्पताल के एंटी रेबीज इंजेक्शनों को बाजार में सप्लाई कराता था। दवा कंपनी के एम आर के निशानदेही पर ओटी असिस्टेंट के कारनामे का खुलासा हुआ।
हरियाणा पुलिस ने ओटी असिस्टेंट को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी कोर्ट में पेशी होने के बाद हरियाणा पुलिस ओटी असिस्टेंट को अपने साथ ले जायेगी।
एंटी रेबीज की ऊंची कीमत पर होती थी हरियाणा में बिक्री (Muzaffarpur)
जांच में सामने आया कि ओडिशा के रायगढ़ निवासी अनिरुद्ध गौर मुंबई के प्राइवेट दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम करता है। यहीं से बिहार सरकार एंटी रेबीज इंजेक्शन खरीदती है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अनिरुद्ध का अक्सर मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में आना-जाना लगा रहता था। इसी कड़ी में अनिरुद्ध की दोस्ती अस्पताल के ओटी असिस्टेंट नीलेश कुमार से हुई। दोनों की बीच गहरी दोस्ती ऐसी हुई कि इन दोनों दोस्तों ने मिलकर एंटी रेबीज इंजेक्शनों की कालाबाजारी करनी शुरु कर दी।
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नीलेश फर्जी तरीके से मरीजों का पुर्जा बनवाता था। पुर्जा बनवाने के बाद नीलेश एंटी रेबीज इंजेक्शन लेने के बाद उसे ओडिशा के दोस्त को 400 रुपये में बेच देता था। अनिरुद्ध उसी इंजेक्शन को दोबारा ऊंची कीमतों पर हरियाणा के दवा सप्लायर प्रवीण को बेच देता था। अनिरुद्ध एक इंजेक्शन का दो हजार रुपये लेता था।
सख्ते में आयी हरियाणा पुलिस
इस पूरे खेल का खुलासा हरियाणा पुलिस ने किया। हरियाणा पुलिस ने पहले प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ में सारे खेल का खुलासा हो गया। प्रवीण ने इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड के बारे में सारी जानकारी पुलिस को दे दी। पुलिस ने अनिरुद्ध गौर को ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया। अनिरुद्ध गौर को गिरफ्तार करने के बाद मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के ओटी असिस्टेंट नीलेश का खुलासा हुआ। पुलिस ने कार्रवाही करते हुए नीलेश को गिरफ्तार कर लिया।