Jan Aushadhi Kendra: भारत सरकार ने देश भर में दो हजार और जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) खोलने का फैसला लिया है। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए दो हजार पैक्सों की पहचान की जायेगी। 1 हजार जन औषधि केंद्र इस साल के अगस्त तक खोले जायेंगे। बाकी 1 हजार जन औषिधि केंद्र दिसंबर तक खोले जायेंगे।
अभी देश में 9,400 से अधिक जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra)
वर्तमान में देश में 9 हजार 400 से अधिक जन औषधि केंद्र मौजूद है। ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में जन औषधि केंद्रों पर 50 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवाइयां मिलती हैं। देशभर में अभी तक नौ हजार चार सौ से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। इन केंद्रों में 1,800 तरह की दवाइयां और 285 अन्य मेडिकल डिवाइस उपलब्ध हैं।
गृह मंत्री की बैठक में लिया गया फैसला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के साथ हुई बैठक में देश भर में दो हजार से अधिक जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला लिया गया। केंद्र सरकार के इस निर्णय से पैक्सों की आय बढ़ने और रोजगार सृजन के अवसर पैदा होने के साथ-साथ आम लोगों को सस्ती दर पर दवाइयां उपलब्ध हो सकेंगी। विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग इसका अधिक से अधिक फायदा उठा सकेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, सहकारिता क्षेत्र से संबंधित आज एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिससे अब PACS प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र भी खोल पायेंगे। इससे PACS से जुड़े लोगों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कम कीमत पर दवाइयां मिल पायेंगी। मोदी सरकार सहकारिता क्षेत्र को सशक्त कर इससे जुड़े करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है।
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सहकारिता क्षेत्र से संबंधित आज एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिससे अब PACS प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र भी खोल पायेंगे। इससे PACS से जुड़े लोगों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कम कीमत पर दवाइयाँ मिल पायेंगी।
मोदी सरकार सहकारिता क्षेत्र को सशक्त कर इससे… pic.twitter.com/CmrnOxexn1
— Amit Shah (@AmitShah) June 6, 2023
जन औषधि केंद्र खोलने की क्या है पात्रता
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आधारभूत संरचना के तौर पर स्वयं या किराये का कम से कम 120 वर्ग फुट स्थान होना चाहिए। आवेदन शुल्क पांच हजार रुपये है। विशेष वर्ग के लोगों के लिए आवेदन शुल्क में छूट दी गई है। आवेदकों को मानदंड के तहत व्यक्तिगत पात्रता डी फार्मा या बी फार्मा होना चाहिए। स्वयं की पात्रता नहीं होने पर कोई भी संगठन, एनजीओ, धर्मार्थ संगठन एवं अस्पताल आवेदन के लिए बी फार्मा अथवा डी फार्मा डिग्रीधारकों को नियुक्त कर सकता है। सरकार की ओर से पांच लाख रुपये (मासिक खरीद का 15 प्रतिशत या अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति माह) दी जाती है।
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