वाराणसी में नकली दवाओं के विक्रेता  अशोक कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत की गई कार्रवाई को स्टेट एडवाइजरी बोर्ड की ओर से तीन महीने की मंजूरी दी गई है। बुलंदशहर के सिकंदराबाद क्षेत्र की टीचर्स कॉलोनी में रहने वाले अशोक कुमार के खिलाफ अगस्त महीने सिगरा थाने की पुलिस की संस्तुति पर रासुका के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने मंजूरी दी थी।

नकली दवाओं के जखीरे के साथ हुआ था गिरफ्तार

इसी साल के मार्च के महीने में सिगरा थाने की पुलिस की संस्तुति पर रासुका के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने मंजूरी दी थी। पुलिस पूछताछ में अशोक कुमार ने बताया था कि उसके साथ इस कारोबार में 15 अन्य लोग भी शामिल हैं। पुलिस के द्वारा हुई जांच में सामने आया था कि हिमाचल प्रदेश से नकली दवा लाकर वाराणसी से लगायत पूर्वांचल और बिहार के अलग-अलग जिलों में खपाई जाती थी। अशोक के बाद इस मामले में गिरफ्तार दवा फैक्ट्री की मालकिन हिमाचल प्रदेश की रहने वाली रजनी भार्गव के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई को जिलाधिकारी ने मंजूरी प्रदान की थी। उधर, इस संबंध में सिगरा थानाध्यक्ष राजू सिंह ने बताया कि आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ तीन महीने के लिए रासुका की कार्रवाई को स्टेट एडवाइजरी बोर्ड से मंजूरी मिली है। जल्द ही रजनी भार्गव का मसला भी स्टेट एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होगा।

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