नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने ब्लड बैंकों में उपलब्ध खून और उसके घटकों की दरें तय कर दी है। अब इसी दरों के अनुसार ब्लड बैंकों को खून बेचना पड़ेगा। लेकिन साल 2014 से साल 2019 के बीच 6 सालों में 147 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की है।

राज्य रक्त आधान परिषद में शिकायत की गई थी कि ब्लड बैंक रक्त और उसके घटक उपलब्ध कराने के लिए मरीजों और उनके रिश्तेदारों से अतिरिक्त शुल्क ले रहे हैं। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने 2020 में संबंधित ब्लड बैंकों द्वारा ली जाने वाली फीस से पांच गुना अधिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया था। लेकिन इससे पहले, राज्य रक्त आधान परिषद और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने ब्लड बैंकों द्वारा लूट पर जुर्माना लगाने के लिए अपनी कमर कस ली थी।

अतिरिक्त शुल्क का केवल 20 प्रतिशत परिषद के पास जमा करने का निर्देश दिया गया था। इसके मुताबिक जब काउंसिल ने जुर्माने की राशि की घोषणा की तो ब्लड बैंकों ने इस पर आपत्ति जताई। इसलिए, परिषद ने खातों के ऑडिट के लिए एक अकाउंटिंग फर्म नियुक्त की। इस कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पता चला कि मुंबई के 22 निजी ब्लड बैंकों ने अतिरिक्त शुल्क से 147 करोड़ रुपये वसूले। राज्य रक्त आधान परिषद ने सूचना के अधिकार के तहत कार्यकर्ता चेतन कोठारी को यह जानकारी उपलब्ध करायी।

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अंधेरी स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल ने सबसे ज्यादा 3 करोड़ 4 लाख 18 हजार 965 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूला। उसके तहत माहिम के हिंदुजा अस्पताल ने 2 करोड़ 32 लाख 45 हजार 640 रुपये, जसलोक अस्पताल ने 2 करोड़ 26 लाख 75 हजार 850 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूला है। परिषद ने अतिरिक्त शुल्क लेने पर मुंबई के 22 ब्लड बैंकों पर 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया है।  जुर्माने के रूप में 27.63 करोड़ रुपये की राशि लगाई गई है। यह जुर्माना राशि इन ब्लड बैंकों से वसूली गई है।

स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल 2020 में ब्लड बैंकों द्वारा लिए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क का पांच गुना जुर्माना वसूला जाएगा। उसमें से राशि मरीजों को लौटा दी जाएगी और शेष राशि परिषद के पास जमा कर दी जाएगी। 2014 से 2019 की अवधि के दौरान अतिरिक्त शुल्क पर जुर्माने से मरीज को कोई राशि वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।