बिजनौर। इलाज के दौरान लापरवाही और बिना सर्जन के ही ऑपरेशन करने के मामले में पांच डाक्टरों समेत कुल सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि पीडि़त को आयुष्मान कार्ड का लाभ न देते हुए अलग से 35 हजार रुपये भी वसूले गए।
यह है मामला
नगर के मोहल्ला पतियापाड़ा निवासी जाहिद अहमद ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि उसने अपनी पत्नी को पेट दर्द व अन्य बीमारी होने के कारण पारस हॉस्पिटल में दाखिल कराया था। जहां उसकी पत्नी के कुछ चेकअप करने के बाद बिना सर्जन व एनेस्थेसिया विशेषज्ञ चिकित्सक के ऑपरेशन कर दिया गया। आरोप है कि उसके पास आयुष्मान कार्ड भी था। हॉस्पिटल प्रबन्धक ने पहले तो आयुष्मान कार्ड का लाभ देने का आश्वाासन दिया। बाद में लाभ नहीं देते हुए उससे 35 हजार रुपये जमा करा लिए।
आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं दिया
आरोप लगाया गया है कि डॉ. शबनम निजाम ने नशे का इंजेक्शन देकर ऑपरेशन किया था। जबकि वह ऑपरेशन व नशे का इंजेक्शन देने के लिए विशेषज्ञ नहीं है। ऑपरेशन के बाद उसकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई। तब हॉस्पिटल के प्रबन्धक रिजवान इलाही, हाजी मोहम्मद इरशाद तथा मो. समर इलाही ने उसकी पत्नी को इलाज के लिए मुरादाबाद अस्पताल रेफर कर दिया। मुरादाबाद अस्पताल में वादी से 25 हजार रुपये जमा करा लिए गए और आयुष्मान कार्ड का लाभ वहां भी नहीं दिया गया।
जाहिद नामक युवक की पत्नी कामुरादाबाद में इलाज कराने पर भी आराम नहीं मिला। तब उसने पत्नी को बिजनौर के अस्पताल में दिखाया। वहां उसकी पत्नी का दोबारा ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत काफी ठीक हो गई। आरोप है कि गलत इलाज व लापरवाही के कारण उसकी पत्नी को काफी पीड़ा का सामना करना पड़ा।
भूमिगत हुए आरोपी
सीजेएम बिजनौर ने चान्दपुर पुलिस को इस मामले में केस दर्ल करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अस्पताल प्रबन्धक डॉ. रिजवान, डॉ. शबनम, मोहम्मद हाजी इरशाद, मो. कमर इलाही, डॉ. कमर, डॉ. नाजरीन के खिलाफ मामला दज्र कर लिया है। बताया जा रहा है कि चांदपुर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी भूमिगत हो गए हैं।