जयपुर। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में रुपए लेकर अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) की फर्जी एनओसी देने वाले दो अधिकारियों को मौके से गिरफ्तार किया है।
एसीबी की टीम ने फर्जी एनओसी देने वाले सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा।
टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए हैं। कार्रवाई के बाद रात को ही एसीबी के अधिकारी गौरव सिंह और अनिल जोशी के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च करने के लिए गए। सर्च की कार्रवाई सोमवार सुबह 5 बजे तक चली।
यह है मामला
एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि तीन दिन पहले एसएमएस अस्पताल के अधिकारी ने शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि अस्पताल में कोई अंग प्रत्यारोपण के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट बिना कमेटी की बैठक के जारी कर रहा है। ये लोग पैसा लेकर फर्जी सर्टिफिकेट दे रहे हैं। बिना कमेटी के जारी इन सर्टिफिकेट की कोई वेल्यू नहीं हैं। ये लोग निजी अस्पतालों से सांठ-गांठ कर पैसा कमाने के लिए यह सब कर रहे हैं।
लेनदेन करते रंगे हाथों दबोचे दो अधिकारी
सूचना के बाद एसीबी के डीआईजी रवि के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने गोपनीय तरीके से संदिग्ध अधिकारी की पहचान की। रविवार देर रात को एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-आर्डिनेटर अनिल जोशी को एनओसी के बदले लेन-देन करते समय रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर सस्पेंड
पता चला कि सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह रिश्वत लेकर कई महीनों से कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी एनओसी बनाकर कई अस्पतालों को दे चुका है। वहीं, अंग प्रत्यारोपण से पहले फर्जी एनओसी देने के मामले में ईएचसीसी अस्पताल ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को सस्पेंड कर दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से आंतरिक जांच की जा रही है। साथ ही वह एसीबी को जांच में पूरा सहयोग करेंगे।