लखनऊ: करोड़ों रुपये बकाया होने के चलते दवा कंपनियों ने राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में दवा, केमिकल और सर्जिकल सामान की सप्लाई रोक दी है। इस कारण मरीजों की जान सांसत में है। असाध्य रोगों से पीडि़त बीपीएल मरीजों का निशुल्क इलाज नहीं हो पा रहा। बता दें कि सरकार ने इस बार केजीएमयू के बजट में भी कटौती कर दी। पिछले वित्तीय वर्ष में केजीएमयू के लिए 99 करोड़ रुपये का बजट पारित हुआ था लेकिन इस बार बजट में कटौती कर इसे 65 करोड़ रुपये किया गया है। इसी बजट से संस्थान के लिए दवा, उपकरण, केमिकल और सर्जिकल सामान खरीदा जाना था। फिलहाल तो ये बजट भी संस्थान के खाते में नहीं पहुंचा।
केजीएमयू में एंटीबायटिक इंजेक्शन, ऑक्सीजन यहां तक कि मास्क, ग्लव्स, रुई, सीरिंज, वीगो आदि की भी किल्लत हो गई है। जांच के लिए जरूरी केमिकल का भी अभाव है। ट्रॉमा सेंटर में भर्ती गरीब मरीजों से भी बाहर से दवा और ग्लूकोज मंगवाया जा रहा है। गर्भवती महिला और नवजात बालकों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है। केजीएमयू के रजिस्ट्रार राजेश कुमार राय के मुताबिक, शासन की तरफ से अब तक बजट जारी नहीं हुआ। केवल 5.75 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें से 3 करोड़ रुपये बिजली बिल चुका दिया गया और 2 करोड़ रुपये की आवश्यक दवाएं मंगवा ली। 13 करोड़ रुपये बिजली बिल अभी बकाया है। संस्थान जीवनरक्षक दवाएं पर्याप्त होने की बात कह रहा है।