धमतरी (छ.ग.): छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी स्थित शासकीय अस्पताल में पिछले दिनों ऑक्सीजन नहीं मिलने से फरसिया निवासी आदिवासी युवक टिकेश्वर षांडिल्य की मृत्यु हो गई। राज्य में एक माह के भीतर ऑंक्सीजन की कमी की वजह से मरीज की मृत्यु की यह दूसरी घटना हैं। इससे पूर्व राजधानी के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में ऑंक्सीजन की कमी की वजह से चार बच्चों की मृत्यु हो गई थीं।

टिकेश्वर को नगरी के शासकीय अस्पताल में 19 सितंबर को रात 10:30 बजे भर्ती कराया गया था। रात को करीब 11 बजे उसे जोर का झटका आया तो ड्यूटीरत डॉक्टर ने स्टाफ से ऑक्सीजन देने के लिए कहा लेकिन जो ऑक्सीजन सिलेंडर लाया गया था, वह खाली निकला। आधी रात को जब मरीज की तबीयत ज्यादा बिगडऩे लगी तो मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसी तरह दूसरा सिलेंडर लाया गया लेकिन उस वक्तअस्पताल में लगाने वाला कोई नहीं था। समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलनें की वजह से मरीज की हालत बिगडऩे लगी। हालत गंभीर होने पर परिजन जब तक एंबुलेंस बुलाकर मरीज को धमतरी अस्पताल ले जाते मरीज की मृत्यु हो गई।

टिकेश्वर की मृत्यु पर उसके पिता क्रांतिकुमार शांडिल्य ने पूरी तरह से अस्पताल के डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार बताया। मरीज को जिस वक्त लेकर अस्पताल पहुंचे, तब वहां डॉक्टर नहीं थे। स्टाफ ने डॉक्टर नेताम को घर से बुलाया। लेकिन उन्होंने लापरवाही बरतते हुए खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया। उन्होने मुख्यमंत्री और कलेक्टर से घटना की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की हैं। वहीं मामले में सीएमएचओ डॉ. तुर्रे और डॉ. नेताम के अनुसार मरीज के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। परिजन ही मरीज को गंभीर हालत में लेकर अस्पताल आए थे। करीब 3 घंटे तक मरीज का उपचार चलता रहा। मृत्यु के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल गलत हैं।