नई दिल्ली। प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स बेचने वालों के लिए बेहद जरूरी खबर सामने आई है। सरकार इनकी अवैध तरीके से बिक्री पर लगाम कसने जा रही है। अब अधिकृत मेडिकल प्रमाणपत्रों के बिना या भ्रामक लेबलिंग दावों के साथ प्रोटीन सप्लीमेंट्स, पाउडर और शेक बेचे नहीं जा सकेंगे।

प्रोटीन पर सख्त नियम लागू करेगा एफएसएआई

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएआई) प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर सख्त नियम जारी करने के लिए तैयार है। दरअसल, जांच में पता चला है कि दर्जनों प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स स्टोर शेल्फ, जिम और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर झूठे और भ्रामक दावों के साथ बेचे जा रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बाजार में अनेक प्रोटीन उत्पाद हैं जो फायदे से ज्यादा हानि पहुंचा रहे हैं। सख्त नियम बनाकर लोगों के स्वास्थ्य को कोई नुकसान होने से बचाया जाएगा। ऐसे कई उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है जो नए नियमों को पूरा नहीं करते हैं।

प्रोटीन उत्पादों पर गलत लेबलिंग आम बात

मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज के चेयरमैन डॉ. अंबरीश मिथल का कहना है कि प्रोटीन उत्पादों पर गलत लेबलिंग आम बात है। ऐसे उत्पादों में क्या शामिल है? यह हमें नहीं पता लग पाता। अगर किसी का नियमित आहार प्रोटीन की जरूरतों को पूरा नहीं करता है, तो वह प्रोटीन सप्लीमेंट ले सकता है। इसके लिए सीमित मात्रा और नियमन और चिकित्सा मार्गदर्शन जरूरी है।

स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के सह-संस्थापक कुणाल बहल ने प्रोटीन सप्लीमेंट के बारे में कहा था कि मैंने प्रसिद्ध घरेलू ब्रांड का इस्तेमाल किया। लेकिन दो माह के भीतर इसने मेरे लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर दीं।