रायपुर। स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार चयन पर फिर से विवाद गहरा गया है। गौरतलब है कि पहले छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पद पर कंपाउंडर देव राम साहू को बैठा दिया गया था। इसके चलते भारी विवाद हुआ। इस कारण उनकी नियुक्ति को कैंसिल कर नई नियुक्ति की गई है।
अब कंपाउंडर देव राम साहू की जगह फार्मासिस्ट अश्वनी गुर्देकर को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। इसका आदेश 14 मार्च 2024 को जारी हुआ है. इस नियुक्ति पर भी विवाद होने लगा है। इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्रार की नियुक्ति करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी को स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया, जबकि रजिस्ट्रार का पद द्वितीय श्रेणी पद है।
बता दें कि रजिस्ट्रार की नियुक्ति मध्यप्रदेश फ़ार्मेसी रूल 1978 और फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 1997 में दिये स्थाई आदेश के आधार पर की जानी है। फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किसी भी स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रार के लिए डिप्लोमा इन फ़ार्मेसी शैक्षणिक योग्यता को न्यूनतम अहर्ता घोषित किया है, लेकिन बैचलर ऑफ फ़ार्मेसी डिग्रीधारी उपलब्ध होने पर डिग्रीधारी को रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त किया जाएगा। काउंसिल में वर्तमान में पदस्थ रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर की नियुक्ति रद्द करने की मांग करते हुए स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की गई है। स्वास्थ्य सचिव ने मामले की जांच कर कार्रवाई किए जाने की बात कही है।