देवा (बाराबंकी) उप्र। सिजेरियन डिलीवरी को बिना विशेषज्ञ के करने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देवा क्षेत्र में तीन अस्पताल सील कर दिए हैं।

यह है मामला

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देवा क्षेत्र में निजी अस्पतालों में दबिश दी। जांच के दौरान कुछ अस्पताल मानकों के विपरीत संचालित होते मिले और कई जगह पंजीकृत चिकित्सक मौजूद नहीं पाए गए। यही नहीं, बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के ही ऑपरेशन कर प्रसव भी कराए जाने के मामले सामने आए। इन खामियों के चलते टीम ने तीन अस्पतालों को सील कर दिया है। यहां भर्ती मरीजों को सीएचसी में स्थानांतरित कर दिया और इनके संचालकों को नोटिस जारी कर लिखित जवाब मांगा गया है।

गौरतलब है कि देवा क्षेत्र में मानकों के विपरीत करीब एक दर्जन प्राइवेट अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। आए दिन अस्पतालों में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही व प्रशिक्षित चिकित्सकों का अभाव होने का आरोप लगाए जाते हैं। इसके दृष्टिगत नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. राजीव दीक्षित के नेतृत्व में सीएचसी अधीक्षक डॉ. राधेश्याम गौड़ व अन्य अधिकारियों की टीम ने रेड की।

टीम ने देवा के मामपुर में संचालित प्रखर हॉस्पिटल, बालाजी हॉस्पिटल, जीवन ज्योति हॉस्पिटल की जांच की।जांच में मानक पूरे न होने पर तीनों अस्पतालों को सील कर दिया। इन अस्पतालों में प्रशिक्षित डॉक्टर के बिना ही सिजेरियन प्रसव कराए जाते मिले।

चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राधेश्याम गौड़ ने बताया कि जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती मरीज नूरजहां निवासी विशुनपुर, बालाजी हॉस्पिटल में मंजू दाखिल मिली। इनका सिजेरियन प्रसव कराया गया था। इन दोनों को अब सीएचसी देवा में इलाज के लिए भर्ती करा दिया है।