विकासनगर (हल्द्वानी)। आयुर्वेदिक अस्पताल में नवजात की मौत के मामले में छह डाक्टर्स के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। मामला सहसपुर में शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (डीआइएमएस) आयुर्वेदिक अस्पताल का है। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की कमेटी ने जुलाई 2023 में हुए इस मामले में की जांच में चिकित्सकों को दोषी पाया है।
यह है मामला
थाना सहसपुर में लखन निवासी ग्राम सभावाला ने शिकायत में बताया कि एक जुलाई 2023 को उसने अपनी पत्नी मोनिका को प्रसव के लिए डीआइएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप लगाया कि पहले तो डॉक्टरों ने उसका उपचार नहीं किया। बाद में चिकित्सकों ने उसकी सिजेरियन डिलीवरी की। इस दौरान पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद डॉ. अंजू तंवर उसे कोई सूचना दिए बगैर अस्पताल से चली गई। बाद में वहां मौजूद स्टाफ ने उसे बताया कि नवजात की मृत्यु हो गई है। सूचना पर थाना सहसपुर की पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा के दौरान पता चला कि नवजात के शरीर व सिर पर चोट के निशान हैं।
पीडि़त पति ने आरोप लगाया कि पत्नी के आपरेशन व नवजात के उपचार में डॉ. अंजू तंवर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ. लोकेश, डॉ. निसार, डॉ. सौरभ, डॉ. अभिषेक जैन और अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती। इस कारण नवजात की मृत्यु हो गई। जिस पर उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने चिकित्सकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई व जांच अमल में लाते हुए कमेटी का गठन किया। जांच कमेटी ने डॉ. अंजू तंवर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ. लोकेश, डॉ. निसार, डॉ. सौरभ और डॉ. अभिषेक जैन को दोषी करार दिया।