लखनऊ। फार्मा कंपनियां अब प्राइवेट अस्पतालों के साथ सांठगांठ नहीं कर सकेंगी। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में दवाओं का भंडारण भी नहीं किया जा सकेगा। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हंै।
यह है मामला
राज्य सरकार ने सूबे में निजी अस्पतालों और दवा कंपनियों की आपसी सांठगांठ पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है। निजी अस्पतालों में बिना फार्मासिस्ट मनचाहे ब्रांड की दवा बेचने पर भी लगाम लगाई जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 70 हजार थोक और 1.15 लाख फुटकर दवा विक्रेता हैं। निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में भी फुटकर मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं। सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कुछ अस्पताल दवा कंपनियों से सांठगांठ कर ऐसी दवाओं का भंडारण करते हैं, जो अन्य मेडिकल स्टोरों पर उपलब्ध न होती।
ये निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालक महंगे दाम वाली गिनी चुनी दवाएं ही लिखते हैं। ये दवाएं संबंधित अस्पताल के स्टोर पर ही मिलती हैं। शिकायतें मिली हैं कि अस्पताल व नर्सिंग होम में स्थित मेडिकल स्टोरों पर फार्मासिस्ट नहीं हैं। जहां हैं वहां उनकी अनुपस्थिति में अन्य कर्मचारी दवा की बिक्री कर रहे हंै।
औषधि निरीक्षकों को औचक जांच करने के निर्देश
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर आयुक्त प्रशासन रेखा एस चौहान ने सभी औषधि निरीक्षकों को औचक जांच करने के निर्देश दिए हैं। दीपावली के बाद निजी अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों की औचक जांच की जाएगी।