आगरा (उप्र)। अवैध अस्पताल में छापेमारी के दौरान दंपति को डिलीवरी कराते हुए पकड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने अवैध अस्पताल को पहले बंद करा दिया था तो झोलाछाप चिकित्सक ने पीछे से रास्ता बना लिया। दोबारा छापेमारी के दौरान टीम को देख अस्पताल के कर्मचारी मौके से फरार हो गए। टीम ने प्रसूता को सीएचसी में रेफर कर अस्पताल को फिर से बंद करा दिया है।
यह है मामला
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शमसाबाद स्थित न्यू राधिका हॉस्पिटल को 21 अगस्त को अवैध रूप से संचालित मिलने पर बंद करा दिया था। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। अब मुखबिर से सूचना मिली कि अस्पताल में पीछे गुप्त रास्ता बनाकर प्रसव कराए जा रहे हैं। इस पर टीम ने अस्पताल पर रेड की।
टीम पीछे की ओर गई तो बगल की दुकान से रास्ता बना रखा था। अंदर संचालक भूपेंद्र बैठा मिला। पूछताछ करने पर उसने बताया कि पत्नी प्रसव करा रही है। यह पूछने पर कि अस्पताल बंद है और केस दर्ज है तो फिर क्यों प्रसव करा मरीजों की जान से खेल रहे हो, इस पर वह कुछ जवाब नहीं दे पाया। टीम ने मेडिकल वेस्ट, दवाएं समेत अन्य साक्ष्यों की रिपोर्ट बनाकर सौंपी है।
प्रसूता का नाम कुमकुम पत्नी छोटू निवासी हुमायूंपुर शमसाबाद बताया गया। उसके परिजन ने प्रसव पीड़ा होने पर सुबह अस्पताल में भर्ती कराया। परिजन ने बताया कि 3 हजार रुपये जमा कर लिए और 10 हजार रुपये बकाया थे।
सीएमओ ने बताया कि छापा पडऩे पर स्टाफ ने प्रसव कक्ष को अंदर से बंद कर लिया। दरवाजा खोलने के लिए खटखटाते रहे, लेकिन नहीं खोला। गर्भवती की जान का खतरा देख एंबुलेंस भी बुला ली, लेकिन प्रसव कराने के बाद ही दरवाजा खोला।