नई दिल्ली। होम्योपैथिक दवा से मरीजों को नुकसान भी हो सकता है। यूएसएफडीए का कहना है कि मरीत विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की गैर-अनुमोदित होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करते हैं। इन उत्पादों को अक्सर अनुमोदित नुस्खे और गैर-पर्चे उत्पादों के प्राकृतिक विकल्प के रूप में बेचा जाता है और ये बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। बताया गया कि होम्योपैथिक दवाएं सुरक्षा, प्रभावशीलता, गुणवत्ता और लेबलिंग के आधुनिक मानकों को पूरा नहीं करती हैं।
होम्योपैथिक दवाएं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनाई जाती हैं। इनमें पौधों से प्राप्त सामग्री, स्वस्थ या रोगग्रस्त पशु या मानव स्रोत, खनिज और रसायन, ज्ञात जहर या विषाक्त पदार्थ शामिल हैं। कुछ होम्योपैथिक दवाओंं को शिशुओं और बच्चों में स्थितियों के इलाज के लिए संकेत दिया जाता है, और वे नक्स वोमिका, बेलाडोना (घातक नाइटशेड), मर्क्यूरियस सॉल्यूबिलिस (पारा) और प्लंबम एसिटिकम (सीसा) जैसी सामग्रियों से बनी होती हैं। ये सामग्रियां संभावित रूप से विषाक्त प्रभाव उत्पन्न करती हैं।
उदाहरण के लिए नक्स वोमिका में स्ट्राइकिन होता है, जोकि अत्यधिक जहरीला है। उचित विनिर्माण नियंत्रण के बिना ऐसे उत्पाद का उत्पादन किया जाता है। यह मरीजों को महत्वपूर्ण जोखिम में डाल सकते हैं।