जयपुर (राजस्थान)। एसएमएस अस्पताल में अब मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट रोबोट करेगा। अगले महीने से यह सुविधा शुरू होने जा रही है। इसके लिए अलग से इक्यूपमेंट्स भी मंगवाए गए हैं। दावा किया गया है कि देश में पहली बार किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा शुरू होगी। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में फिलहाल किडनी ट्रांसप्लांट ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा किया जाता है।

अब यहां रोबोटिक रीनल किडनी ट्रांसप्लांट शुरू किया जा रहा है। यह मोटापे से ग्रस्त मरीजों के ट्रांसप्लांट में बेहतर विकल्प साबित होगा। इससे मरीजों में बार-बार होने वाले संक्रमण का खतरा भी कम रहेगा। एम्स जोधपुर के बाद राजस्थान का यह दूसरा अस्पताल होगा, जहां मरीजों को यह सुविधा मिलने जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तकनीक के जरिये ट्रांसप्लांट करने से मरीज को छोटा चीरा लगाया जाएगा। इससे उसे दर्द भी कम होगा और उसकी रिकवरी जल्दी होगी। इसमें रक्तस्राव भी कम होगा। इस तरह की सर्जरी में रोबोटिक आम्र्स पर हाई-डेफिनिशन 3-डी कैमरा लगा होता है। इससे सर्जन शरीर के भीतरी हिस्से को स्पष्ट देख पाता है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. शिवम प्रियदर्शी का कहना है कि रोबोटिक रीनल किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कुछ विशेष इक्यूपमेंट्स मंगवाए गए हैे। उसके बाद इस तकनीक से किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा।