नई दिल्ली। कैंसर और डायबिटीज की दवाएं महंगी होने जा रही हैं। इन दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी को नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने मंजूरी दे दी है, जबकि कंट्रोल कैटेगरी के दवाओं की कीमतों में 1.7 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है।
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स के महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि इससे दवा इंडस्ट्री को कीमतें बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि कच्चे माल की लागत और अन्य खर्च हर रोज बढ़ रहे है। इससे उद्योग को कुछ राहत मिलेगी। बाजार में दवाओं की नई कीमतें आने में दो से तीन महीने लगेंगे।
पहले बताया गया था कि स्टडी में पाया गया है कि दवा कंपनियां बार-बार दवाओं की कीमतें बढ़ाकर नियमों का उल्लंघन करती हैं। 6 मार्च 2025 तक नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी ने मेडिसिन (रेट कंट्रोल) आदेश, 2013 के पैराग्राफ 20 के तहत उल्लंघन के 307 मामलों को दर्ज किया है।